आज उर्दू की कितनी तारीख है ? Aaj Urdu Ki Kitni Tarikh Hai
1 min readसभी धर्मों की अपनी अलग खगोलीय गणनाएं होती है, जिस के आधार पर दिन, माह व साल का निर्धारण होता है।
लेकिन हिन्दू और मुस्लिम धर्म के तारीखों के निर्धारण में जो सबसे महत्वपूर्ण बात है, वह है सूर्य व चन्द्र आधारित गणनाएं।
मुस्लिम धर्म में तारीख निर्धारण हेतु चन्द्रमा को आधार माना जाता है, जिससे Aaj Urdu Ki Kitni Tarikh Hai इसका ज्ञान हमे हो।
आज के इस आर्टिकल में हम इस्लामी कैलेंडर में Aaj Urdu Ki Kitni Tarikh Hai इसे जानने का प्रयास करेंगे व यह भी जानने का प्रयास करेंगे कि प्रत्येक वर्ष मुस्लिम त्यौहारों के तारीखों में परिवर्तन क्यों आता है, साथ ही इस्लामी पंचांग के निर्माण का इतिहास और इससे सम्बन्धित अन्य तथ्यों पर नज़र डालेंगे।
आज उर्दू की कितनी तारीख है ? Aaj Urdu Ki Kitni Tarikh Hai
इस्लामिक कैलेंडर को हिजरी पंचांग भी कहते हैं, इस पंचांग में तिथियों और त्यौहारों की गणनाएं चांद के अनुसार होती है।
अभी ग्रेगोरियन कैलेंडर में 2022 वाँ साल और हिजरी कैलेंडर में 1443 वाँ साल चल रहा है। इससे स्पष्ट होता है, कि अंग्रेजी कैलेंडर और इस्लामिक कैलेंडर में बहुत अंतर होता है। अभी इस लेख को लिखते समय उर्दू में 7 dhu-l-kada 1443 AH तारीख है।
इस बार 2 जून 2022 मुस्लिम कैलेंडर में महीने की पहली तारीख की घोषणा हुई है। इसकी घोषणा इमारत सरिया हिन्द और हिलाल कमेटी अजमेर ने की है। जु अल-कादा महीने में पहले चांद नही देखा इसलिए उर्दू कैलेंडर में महीना 30 दिनों का हुआ।
इस्लामी पंचांग
हिजरी पंचांग को हिजरी कालदर्शक भी कहते हैं। यह पूरे मुस्लिम देशों में मान्य है साथ ही दूसरे देशों में रहने वाली मुस्लिम आबादी भी अपने त्यौहारों व पर्वों को मनाने के लिए इसी पंचांग के उपयोग करते हैं।
मुस्लिम पंचांग में बारह मास और 354 या 355 दिन होते हैं, जो चन्द्रमा के घूर्णन पर आधारित होते हैं। इसलिए अंग्रेजी के वर्षों में जो सूर्य घूर्णन पर आधारित होते हैं, उससे 11 दिन पीछे हो जाते हैं, प्रत्येक एक वर्ष में इसे हिज्री भी कहते हैं।
इसमें पहला वर्ष मुहम्मद साहब के मक्का प्रस्थान या प्रवास को मानते हैं। इस प्रवास या प्रस्थान को हिजरत कहते हैं।
लिखते समय प्रत्येक वर्ष के बाद H जो की हिज्र को प्रदर्शित करता है या AH लिखा जाता है. जिसका लैटिन भाषा में अर्थ अन्नो हिजरी मतलब हिज्र के वर्ष में होता है।
हिजरत से पहले के इस्लामिक घटनाओं का इतिहास जानने के लिए और समय के निर्धारण के लिए BH का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका अंग्रेजी में अर्थ before हिज्र होता है। मुहम्मद साहब के जन्म के लिए 53 BH का इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान हिज्री़ वर्ष 1443 AH है।
इस्लामी पंचांग का निर्माण
अरब की सांस्कृतिक मान्यता अनुसार इथियोपिया के अकसुम साम्राज्य का यमन गवर्नर अब्रहा जो कि कैस्तव धर्म को मानने वाला था, उसने काबा शहर को पुरी तरह खत्म करने के लिए वहां 570 ई में मक्का पर आक्रमण कर दिया कहा जाता है, कि उसने अपनी पूरी सैन्य शक्ति ( जिसमें हाथियों के दस्ते शामिल भी थे ) के साथ चढाई की।
लेकिन वह मक्का फतह करने में नाकाम रहा और उसे बहुत बड़ी हार मिली और वापास जाना पड़ा। इस वर्ष को अरबी संस्कृति में व मुस्लिम देशों में “आम्म अल फील ” कहते हैं, जिसका अर्थ होता है, हाथियों का वर्ष इसे मुस्लिम देशों में विजय दिवस कब रूप में बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
अरब ने इसी साल को आधार मानकर नया कैलेंडर बना लिया जिसकी पहले महीने की शुरुआत आम्म अल फील से होती है। इस पूरे घटनाक्रम का जिक्र कुरान के सुरा ” अल-फील ” में है।
इस्लामिक तारीख कैसे निर्धारित होता है ?
आपको पता होना चाहिए कि इस्लामी महीना 29 या 30 दिनों का होता है, इसका निर्धारण की यह महीना 30 दिन का होगा या 29 दिन का महीने के अंत मे पता चलता है।
जैसे 29 दिन की शाम सूर्यास्त के तुरंत बाद यदि नया चांद दिखाई दे, तब अगले दिन नए महीने की शुरुआत होती है और 29 दिन के शाम को सूर्यास्त के बाद चांद नही दिखा तो उसके अगले दिन 30 तारीख होगी।
इसी के आधार पर मुस्लिम कैलेंडर में महीना 29 या 30 दिन का होता है। हर साल 10 से 11 दिन कम होते हैं अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस्लामी पंचांग में इसलिए मुस्लिम पर्व हर साल अलग-अलग तारीखों या महीनों में होते हैं, यह निश्चित नही होते और इसका चक्र 32 वर्ष का होता है।
32 साल बाद पुनः उसी दिन की शुरुआत होती है पर्वों के लिए। जैसे 1 मई को कोई मुस्लिम पर्व आया है तो वह पुनः 1 मई को 32 साल बाद आएगा।
इस्लामिक कैलेंडर और ग्रेगोरियन कैलेंडर में अंतर
इस्लामिक कैलेंडर | ग्रेगोरियन कैलेंडर |
इसकी गणना का आधार चन्द्रमा है। | इसकी गणना का आधार सूर्य है। |
इसकी शुरुआत 1443 साल पहले हुई थी। | इसकी शुरुआत 2022 साल पहले हुई थी। |
एक वर्ष में 354 या 355 दिन होते हैं। | एक वर्ष में 365 दिन होते हैं। लीप वर्ष 366 दिन का होता है। |
प्रत्येक वर्ष दोनों कैलेंडर में 10 से 11 दिन का अंतर आता है।
इस्लामी महीनों के नाम
- मुहरम (पूर्ण नाम: मुहरम उल-हराम)
- सफ़र (पूर्ण नाम: सफर उल-मुज़फ्फर)
- रबी अल-अव्वल (रबी उणन्नुर्) – मीलाद उन-नबी – ईद ए मीलाद –
- रबी अल-थानी (या रबी अल-थानी, रबी अल-आखिर)
- जमाद अल-अव्वल या जमादि उल अव्वल (जुमादा I)
- जमाद अल-थानी या जमादि उल थानी या जमादि उल आखिर (या जुमादा अल-आखीर) (जुमादा II)
- रज्जब या रजब (पूर्ण नाम: रज्जब अल-मुरज्जब)
- शआबान (पूर्ण नाम: शाअबान अल-मुआज़म) या साधारण नाम शाबान
- रमजा़न या रमदान (पूर्ण नाम: रमदान अल-मुबारक)
- शव्वाल (पूर्ण नाम: शव्वाल उल-मुकरर्म)
- ज़ु अल-क़ादा या ज़ुल क़ादा
- ज़ु अल-हज्जा या ज़ुल हज्जा
कुरान में अल्लाह कहते हैं, कि पूरे बारह महीनों में चार महीना बहुत पवित्र है। जिसमें 11वां महीना, 12वाँ महीना, पहला महीना व 7वाँ महीना पवित्र है।
निष्कर्ष :-
हमने Aaj Urdu Ki Kitni Tarikh Hai के बारे में पूरा विस्तार से जानने का प्रयास किया है, इसके इतिहास को भी समझने की कोशिश की है।
यदि अभी भी आपके मन में इससे सम्बन्धित कोई प्रश्न है, तो आप हमें कमेंट या मेल कर सकते हैं। हम आपके सभी प्रश्नों के उत्तर देने का प्रयास करेंगे।