हमारा सौरमंडल बहुत बड़ा है। इतने विशालकाय सौरमंडल में कुछ ग्रह ठंडे तो कुछ ग्रह गर्म होते हैं।
आज हम इस लेख में आपको सबसे गर्म ग्रह कौन सा है ? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे तथा हम यह भी बताएंगे, कि इतना गर्म होने की वजह क्या है ?
इसके साथ ही इस ग्रह के बारे में रोचक तथ्य की भी जानकारी आपके समक्ष प्रदान करेंगे। आप सब ने बचपन में सौरमंडल और ब्रह्मांड के बारे में जरूर पढ़ा होगा और आपको सबसे बड़ा ग्रह तथा सबसे छोटा ग्रह भी बताया गया होगा।
इसके साथ ही ग्रहों के विभिन्न श्रेणियों के बारे में भी बताया होगा। आज हम इस लेख में आपको हमारे सौरमंडल के सबसे गर्म ग्रह के बारे में बताएंगे , आइए जानते हैं।
सबसे गर्म ग्रह कौन सा है ? Sabse Garm Grah Kaun Sa Hai
सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह शुक्र है। इस ग्रह का तापमान अत्यधिक होता है। इसमें किसी भी तरह का जीवन संभव नहीं है। इसके साथ ही यह इतना गर्म होता है, कि किसी भी सामान को बड़े आसानी से पिघला सकता है।
शुक्र ग्रह सूर्य के सबसे नजदीक में नहीं है, इसके बावजूद भी यह सबसे गर्म ग्रह है। यह हमारे सौरमंडल का सूर्य से दूसरा सबसे नजदीक ग्रह है।
हमारे सौरमंडल में कुल आठ ग्रह है। इसमें कुछ ठंडे है, तो कुछ गर्म है। गर्म ग्रह में रहना लगभग असंभव हो जाता है।
शुक्र ग्रह इतना गर्म क्यों है ?
किसी भी वस्तु को गर्म रखने के लिए वायुमंडल तथा तापमान की आवश्यकता होती है। यदि आपके कमरे में बहुत ही दबाव के साथ Gas भर दी जाए, तो वह द्रव्य में परिवर्तित हो जाती है।
उसी तरह से इसका घनत्व बहुत अधिक बढ़ जाता है। वैज्ञानिक के अनुसार शुक्र ग्रह का अत्यधिक गर्म होने का मुख्य कारण वायुमंडल का घना होना है।
शुक्र ग्रह का वायुमंडल बहुत ही ज्यादा घना है। इसमें मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड तथा सल्फ्यूरिक एसिड की अधिकता पाई जाती है।
जब यहां पर बारिश होती है, तो सल्फ्यूरिक एसिड बूंदों के रूप में बदल जाती है। जिस वजह से कई गुना तापमान बढ़ जाता है।
हमारी पृथ्वी के मुकाबले शुक्र ग्रह का वायुमंडल 100 गुना अधिक घना है। इसका वायुमंडल अलग-अलग तापमान वाली Layer से बना है।
जिस वजह से जब सूर्य से किरणें शुक्र ग्रह की ओर आती है, तो वह वापस नहीं जा पाती है और वायुमंडल में फंसी रह जाती है, इसी वजह से इसके वायुमंडल में अलग-अलग तत्व उपलब्ध होते हैं।
इसका यह भी मुख्य कारण है, कि यहां पर बादल लगभग 48 किलोमीटर ऊपर जाकर बनते हैं। जिससे इसका तापमान नियंत्रित नहीं हो पाता है।
हमारे पृथ्वी के समान ही यहां पर वर्षा होती है परंतु यहां की वर्षा बहुत ज्यादा खतरनाक होती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार यदि आपको पृथ्वी की सतह पर खड़ा कर दिया जाए, तो आपका वजन सामान्य दिखाई देगा परंतु शुक्र के वातावरण में आपको खड़ा कर दिया जाए, तो आप पर लगभग 1.6 किलो मीटर गहरे पानी के अंदर खड़े होने जैसा प्रतीत होगा।
यह बड़ा ही रोचक तथ्य है, क्योंकि इतना दबाव झेलने के कारण मनुष्य की मृत्यु हो जाएगी।
ब्रह्मांड क्या है ? Universe Kya Hai
ऊपर हमने आपको Sabse Garm Grah Kaun Sa Hai के बारे में बताया , अब हम आपको ब्रह्मांड क्या है ? के बारे में बताते है।
ब्रह्मांड को यदि सरल भाषा में कहा जाए, तो यह एक ऐसा समूह है। जहां पर कई सारे सौरमंडल रहते हैं।
सौरमंडल के समूह को ही ब्रह्मांड कहा जाता है। ब्रह्मांड में अनेक प्रकार के ग्रह, उपग्रह, तारे तथा उल्कापिंड है, जो आपस में टकराते रहते हैं। जिस वजह से आसमान में कभी-कभी अलग प्रकार की रोशनी दिखाई देती है।
इसके साथ ही कभी हमें टूटते हुए तारे दिखाई देते हैं, जो उल्कापिंड होते हैं।
यह किसी ग्रह या उपग्रह से टूट कर गुरुत्वाकर्षण बल के बाहर चले जाते हैं। जिस वजह से तेजी से गिरने के कारण इसमें आग लग जाती है और यह चमकने लगते हैं।
सौर मंडल क्या है ? Solar System In Hindi
सौर मंडल को यदि सरल भाषा में कहा जाए, तो ग्रहों के समूह को सौरमंडल कहा जाता है, क्योंकि यह सूर्य केंद्रित प्रणाली होती है।
सारे ग्रह तथा उपग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं। जिस वजह से इनका अलग ही गुरुत्वाकर्षण बल बन जाता है, जो कभी भी आपस में नहीं टकराते हैं। इस परिक्रमा में शामिल होने वाले ग्रहों के समूह को सौरमंडल कहा जाता है।
सौर मंडल में कितने ग्रह है ? Saur Mandal Me Kitne Grah Hai
हमारे सौरमंडल में कुल 8 ग्रह है:-
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
- बृहस्पति
- शनि
- यूरेनस
- नेप्चून
शुक्र को पृथ्वी की बहन क्यों कहा जाता है ?
वैसे तो हमारे सौरमंडल में एक ग्रह के लक्षण दूसरे ग्रह से मिलते जुलते हैं। कभी उनका वायुमंडल तो कभी वहां पर पाई जाने वाली चट्टाने जिस वजह से उन्हें एक दूसरे के समक्ष आ आती है।
इस बिंदु में हम आपको शुक्र ग्रह को पृथ्वी की बहन क्यों कहा जाता है ? के बारे में बताएंगे।
इसे इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इनमें मुख्य रूप से तीन समानता पाई जाती है। यदि शुक्र ग्रह के आकार की बात करें, तो यह 12104 किलो मीटर है तथा पृथ्वी के व्यास की बात करें, तो 12756 किलो मीटर है, इतनी कम समानता के वजह से इसे जुड़वा बहन भी कहा जाता है। यह केवल 1.05 गुना ही कम है।
शुक्र ग्रह का द्रव्यमान लगभग पृथ्वी से 19% ही कम है, जो कि अन्य ग्रहों के मुकाबले बहुत ही कम है।
नेप्चून तथा यूरेनस जैसे ग्रहों में द्रव्यमान बहुत अधिक हो जाता है। इसके साथ ही यदि हम मंगल ग्रह की बात करें, तो यहां पर भी द्रव्यमान बहुत अधिक हो जाता है।
इस वजह से शुक्र ग्रह ही एक ऐसा ग्रह है, जिसे पृथ्वी की बहन का दर्जा प्राप्त है। शुक्र ग्रह तथा पृथ्वी में सतह पाई जाती है।
वह मुख्य रूप से लौह अयस्क तथा सिलिका चट्टान से बनी होती है। पृथ्वी के तरह ही शुक्र ग्रह का कोर लोहे से निर्मित है।
जिस वजह से यहां पर चुंबकीय क्षेत्र प्राप्त होता है और यह उत्तर तथा दक्षिण की ओर केंद्रित होता है।
जैसे हमारे पृथ्वी की सतह में सिलिका पाई जाती है, वैसे ही शुक्र ग्रह में भी सिलिका पाई जाती है। शुक्र पृथ्वी के सबसे निकटतम ग्रह है, इसीलिए भी इसे पृथ्वी की बहन कहा जाता है।
शुक्र ग्रह के बारे में रोचक तथ्य Interesting Fact About Venus Planet
ऊपर हमने आपको Sabse Garm Grah Kaun Sa Hai के बारे में बताया , अब हम आपको Interesting Fact About Venus Planet के बारे में बताते है।
- शुक्र ग्रह का औसत तापमान 471 सेल्सियस है।
- यह हमारे सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह है।
- यह सूर्य से 10 करोड़ 80 लाख किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
- सूर्य की किरणें शुक्र तक पहुंचने में लगभग 6 मिनट का समय लगता है।
- खगोल वैज्ञानिकों के अनुसार शुक्र ग्रह पर लगभग 1600 सक्रिय तथा निष्क्रिय ज्वालामुखी पाई जाती है।
- मैक्सवेल मोंटेस (Maxwell Montes) शुक्र ग्रह का सबसे ऊंचा पर्वत है, जिसकी ऊंचाई लगभग 11 किलो मीटर है। यह हमारे एवरेस्ट से भी 2.15 किलो मीटर अधिक ऊंचा है।
- शुक्र ग्रहसूर्य की परिक्रमा उल्टी करता है, सारे ग्रह एक दिशा में घूमते हैं परंतु यह उल्टे चक्कर लगाता है।
- शुक्र ग्रह का एक साल लगभग 224.7 दिन के बराबर होता है।
Conclusion :
आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य शुक्र ग्रह के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है।
इसके साथ ही हमने इस लेख में आपको Saur Mandal Ka Sabse Garm Grah Kaun Sa Hai के बारे में भी बताया है।