TRP Full Form: TRP क्या है, टीआरपी रेटिंग कैसे कैलकुलेट की जाती है?

TRP Full Form: TRP क्या है, टीआरपी रेटिंग कैसे कैलकुलेट की जाती है?

TRP Full Form: टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट (Television Rating Point) होता है. TRP किसी भी चैनल या टीवी शो की लोकप्रियता मापने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है. 

हर दिन टीवी इंडस्ट्री में चर्चा रहती है कि किस शो या चैनल की टीआरपी टॉप पर है और किसकी टीआरपी एक दम कम है. किसी चैनल या टीवी शो की TRP बढने और घटने पर उस शो की सफलता और असफलता काफ़ी हद तक निर्भर करती है.

TRP का घटना या बढना बहुत सारी परिश्थितियों पर निर्भर करता है, किसी सप्ताह कोई टीवी कार्यक्रम टीआरपी लिस्ट में सबसे ऊपर हो सकता है तो अगले सप्ताह वह शो लिस्ट से बाहर भी हो सकता है. हर सप्ताह बहुत सारी एजेंसी TRP रेटिंग की लिस्ट जारी करती हैं और उन लिस्ट्स के आधार पर ही टीवी चैनल्स, इन्वेस्टर्स, दर्शक, प्रचार करने वाली कम्पनियां इत्यादि, सभी लोग आगे की योजनाएं तय करते हैं.

आज इस पोस्ट में हम जानेंगे कि TRP क्या है?, TRP Full Formटीआरपी कैसे तय की जाती है और टीआरपी का शो, चैनल या दर्शकों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

TRP क्या है? (TRP Full Form in Hindi)

TRP का फुल फॉर्म ‘टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट’ (Television Rating Point) होता है. टेलीविज़न रेटिंग पॉइंट्स किसी भी टेलीविज़न कार्यक्रम की लोकप्रियता और उसकी दर्शक संख्या का अनुमान लगाने का एक तरीका है. किसी तय समय पर किसी चैनल या टीवी शो को औसतन कितने लोग देख रहे हैं इस की गणना TRP की सहायता से की जाती है.

अगर किसी शो या चैनल की टीआरपी ज्यादा है तो इसका मतलब है कि उस शो को ज्यादा लोग देख रहे हैं या पसंद कर रहे हैं. इसी के साथ अगर किसी शो की TRP बहुत कम है तो इसका मतलब है कि उस शो को देखने वाले लोगों की संख्या भी कम है.

टीआरपी रेटिंग की सहायता से उस शो से जुड़े लोगों और बिज़नेस करने वाले लोगों को दर्शकों की पसंद – नापसंद जानने में मदद मिलती है.

TRP कैसे कैलकुलेट की जाती है, इसकी प्रक्रिया क्या है?

दुनिया भर में TRP कैलकुलेट करने के लिए कई सारे तरीकों का इस्तेमाल किया जाता है. इंडिया में TRP प्रमुखतया दो तरीकों से कैलकुलेट की जाती है. पहला तरीका है People Meter का इस्तेमाल और दूसरा तरीका है Picture Matching.

People Meter: टीआरपी की गणना करने का सबसे प्रमुख तरीका People Meter है. People Meter एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है जिसे जगह-जगह पर लोगों के घरों पर लगा दिया जाता है. पीपल मीटर ख़ास फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करके तय करता है कि ख़ास समय पर किस घर में कौनसा प्रोग्राम या चैनल देखा जा रहा है. इस डाटा को एक साथ इकट्ठा किया जाता है और फिर विश्लेषण के बाद साप्ताहिक या मासिक TRP लिस्ट जारी की जाती है.

Picture Matching: यह एक कम पोपुलर तरीका है. इसमें अलग-अलग समय पर अलग-अलग जगह पर चल रहे टीवी सेट की स्क्रीन कैप्चर की जाती है और उससे पता लगाया जाता है कि किस टीवी पर कौनसा चैनल या कार्यक्रम देखा जा रहा था. एक ख़ास समय में जिस शो से जुड़े सबसे ज्यादा पिक्चर स्क्रीन रिकॉर्ड होते हैं उस शो की TRP सबसे ज्यादा होती है.

BARC (Broadcast Audience Research Council) चैनल TRP तय करने के लिए आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करती है. BARC द्वारा किसी भी शो की विडियो फाइल के साथ कुछ ऑडियो वॉटरमार्क (एक प्रकार के अद्रश्य कोड) जोड़ देती है. जब दर्शक उस शो को देखते हैं और वह कोड उनके स्क्रीन पर दिखाई देता है तो इसे BARC के बार कोड मीटर द्वारा दर्ज कर लिया जाता है. बाद में इस डाटा को समय, प्रोग्राम,भाषा आदि केटेगरी में बांटकर और विश्लेषण करके साप्ताहिक TRP लिस्ट जारी की जाती है.

टीआरपी रेटिंग कौन जारी करता है?

TRP रेटिंग कैलकुलेट करने का काम इंडिया में मुख्यतः INTAM (Indian Television Audience Measurement) और BARC (Broadcast Audience Research Council) एजेंसी द्वारा किया जाता है.

  • INTAM ही लोगों के घर पर पीपल मीटर लगाती है और उन मीटर से प्राप्त हुए डाटा के आधार पर टीवी कार्यक्रमों की रेटिंग तय करती है.
  • BARC एक प्रमुख भारतीय ब्रॉडकास्ट रिसर्च एजेंसी है जो BAR-O मीटर और Audio Watermark जैसी नई तकनीक का इस्तेमाल करके किसी टीवी प्रोग्राम की पहुँच का पता लगाती है.

DART (Doordarshan Audience Research Team) भी TRP रेटिंग कैलकुलेट करने का काम करती है. DART मुख्यत: दूरदर्शन के कार्यक्रमों की लोकप्रियता मापने का काम करती है. इससे जुड़े लोग दूर दराज के गाँव तक में कौनसा कार्यक्रम देखा जा रहा है इसकी भी जानकारी इकठ्ठा करते हैं

TRP रेटिंग का क्या महत्व है?

टीआरपी रेटिंग दर्शकों की संख्या के आधार पर जारी की जाती है और इसके आधार पर ही किसी शो की लोकप्रियता का पता चलता है. TRP की सहायता से दर्शकों के मूड का पता चलता है कि वह किस तरीके का कार्यक्रम देखना ज्यादा पसंद करते हैं. इससे चैनल्स को उसी प्रकार के अन्य कार्यक्रम बनाने या नए कार्यक्रम शुरू करने जैसे फैसले लेने में सहायता मिलती है.

TRP की सहायता से एडवरटाइजर और इन्वेस्टर्स को भी यह जानने में मदद मिलती है कि इस समय किस शो की लोकप्रियता ज्यादा है. किसी शो या चैनल की TRP का सीधा सम्बन्ध उस शो को मिलने वाले advertisement से होता है. जिस शो की टीआरपी हाई होती है उस शो को मिलने वाले स्पोंसोर्स की संख्या भी ज्यादा होती है जिससे उस चैनल की कमाई भी बढ़ जाती है.

जब किसी चैनल को ज्यादा लोग देखते हैं तो उस शो के साथ आने वाले विज्ञापनों की कीमत ज्यादा होती है और कम TRP वाले चैनल को कम लोग देखते हैं तो उसे मिलने वाले विज्ञापन भी कम कीमत देते हैं.

Online TRP क्या है? यह कैसे तय की जाती है?

आजकल ज्यादातर टीवी शोज ऑनलाइन स्ट्रीमिंग एप्स और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी दिखाए जाते हैं. Online TRP, किसी भी टीवी कार्यक्रम की ऑनलाइन लोकप्रियता को मापने का तरीका है. इसके लिए TRP तय करने वाली एजेंसीज़ Twitter, Facebook, आदि सोशल मीडिया पर टीवी शोज से संबंधित होने वाले पोस्ट्स, डिस्कशन, हैशटैग, ऑनलाइन एप्स पर व्यूज की संख्या आदि को मॉनिटर करती हैं और उसी आधार पर समय-समय पर ऑनलाइन टीआरपी लिस्ट जारी करती हैं.

उदाहरण के लिए अभी-अभी समाप्त हुआ BigBoss 13 सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुआ था जिसकी वजह से वह कई सप्ताह तक लगातार Online TRP में नंबर एक पर बना रहा.

TRP का दर्शकों के लिए क्या महत्व है?

यूँ तो किसी शो की TRP से दर्शकों का कोई सीधा सम्बन्ध नहीं होता है. किसी शो को देखना या ना देखना उनकी पसंद-नापसंद पर निर्भर करता है, लेकिन अगर किसी शो की TRP बहुत ज्यादा है तो इसका मतलब है कि लोग उसे पसंद कर रहे हैं. इस तरह से दर्शक किसी शो की TRP चेक करके यह पता लगा सकते हैं कि यह शो देखा जा सकता है या नहीं.

इस पोस्ट में हमने आपको TRP Rating से जुड़े सभी सवालों जैसे कि TRP Kya Hai? TRP Full Form Kya Hai? टीआरपी कैसे तय की जाती है? TRP रेटिंग कौन जारी करता है आदि का जबाब दिया है. अगर आपके मन में इस पोस्ट से रिलेटेड कोई भी सवाल है तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं.

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