पुरातत्व का उपयोग बहुत ही पुराने समय से चला आ रहा है। पुरातत्व के उपयोग से ही हमने सिंधु घाटी सभ्यता और हड़प्पा सभ्यता आदि के बारे में जानकारी निकाली थी।
पुरातत्व का वर्तमान में बहुत महत्व बताया गया है, क्योंकि इसी के कारण हमें सभ्यता और संस्कृति के बारे में पता चलता है। बहुत सी परीक्षाओं में अक्सर यह पूछा जाता है, कि पुरातत्व से आप क्या समझते हैं ? क्योंकि पुरातत्व और विज्ञान के बीच बहुत गहरा संबंध है।
तो दोस्तों आज के आर्टिकल में हम जानेंगे की पुरातत्व क्या है, इसका विज्ञान से क्या संबंध है, इसमें इतिहास से क्या रिलेट करता है, साथ ही हम पुरातत्व से जुड़े सभी अहम कड़ीयो के बारे में बात करने वाले है, तो आर्टिकल के अंत तक बने रहिये।
पुरातत्व क्या है ? OR Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain
पुरातत्व का अर्थ होता है – धरती में दबे इतिहास के पन्नों को उजागर करना। जिसमें भौतिक अवशेषों का अध्ययन किया जाता है, उसे पुरातत्व कहते हैं।
यह भौतिक पर्यावरण और प्राकृतिक पर्यावरण में होने वाले बदलावों के बारे में अध्ययन करता है।
जो वस्तुएँ पृथ्वी के अंदर दब जाती है। उनकी संस्कृति और सभ्यता के बारे में तथ्य उजागर करता है। पृथ्वी पर बहुत सारे परिवर्तन होते रहते हैं और फिर बहुत सारी चीजें अतीत बन जाती है।
यह भौतिक वस्तुएँ पृथ्वी के अंदर दबकर वर्तमान समाज से बहुत दूर चली जाती है। इन भौतिक वस्तुओं की पड़ताल करना या इनकी खोज करना ही पुरातत्व कहलाता है।
पुरातत्व विभाग की खोज
ऊपर हमने जाना कि Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain ? अब हम जानते है, कि पुरातत्व विभाग की खोज किसने की ?
- पुरातत्व विभाग की खोज अलेक्ज़ैंडर कन्निघम ने की थी। पहली बार 1863 मैं आर्कलॉजिकल विभाग की खोज की गई थी। वर्ष 1906 इसको स्थाई संस्था बनाया गया था।
- 1961 में एशियाई पुरातत्व का पहला अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उनके सौ साल पूरे होने के अवसर को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया गया था।
- वर्तमान समय में बहुत सी ऐसी तकनीकी आ गई है। जिससे हम आसानी से किसी भी वस्तु का पता लगा सकते हैं और पुरातत्व विभाग पहले से अधिक विकसित हो गए हैं।
पुरातत्व का विज्ञान से संबंध
पुरातत्व, विज्ञान का एक रूप है। इसके साथ साथ यह अन्य विषयों से भी जुड़ा हुआ है। निम्नलिखित तथ्य इस प्रकार है।
- यदि पुरातत्वविद को उत्खनन में किसी जानवर की हड्डी मिल जाती है, तो वह कैसे पता करेगा, की वह हड्डी किस जानवर की है, या किसी मनुष्य की। इसको पता लगाने के लिए पुरातत्व को जीव विज्ञान की सहायता की जरूरत पड़ती है।
- यदि किसी वनस्पति की खोज करता है, तो वनस्पति के बारे में जानने के लिए उसे जीव विज्ञान की सहायता लेनी पड़ती है।
- किसी पुरातत्व वाली वस्तु को सुरक्षित रखने का काम भी विज्ञान ही करती है।
- विज्ञान की मदद से ही उत्खनन में मिली वस्तुओं की जानकारी को और बढ़ाया जा सकता है और उसके बारे में पता लगाया जा सकता है।
पुरातत्व का क्या महत्व है ?
ऊपर हमने जाना कि Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain ? अब हम जानते है, कि पुरातत्व का क्या महत्व है ?
- पुरातत्व में उत्खनन का विशेष महत्व है, क्योंकि इसी की हेल्प से भू- गर्भ में छुपी हुई पुरानी वस्तुओं को उजागर किया जाता है।
- पुरातत्व अतीत को उजागर करने का एक जादुई द्वार है।
- इसमें मानव अस्तित्व के युगो में वापस जाने का रास्ता है।
- पुरातत्व मूर्त अवशेषों से संबंध रखता है, इसलिए यह विश्वसनीयता का दावा करता है।
- विज्ञान के क्षेत्र में भी यह अनुशासन से उभरा है।
- हड्डियों, भूमि, कलाकृतियों आदि के संबंध में मूल्यवान तथ्यों की खोज करता है।
- यह बहुत सारी बहुमूल्य ऐतिहासिक वस्तुओं की खुदाई और खोजकर्ता है। उन्हें सुरक्षित रखता है।
इतिहास और पुरातत्व के बीच संबंध
यदि हम इतिहास की ओर देखे तो पुरातत्व और इतिहास का सबसे अधिक गहरा संबंध है। सिक्कों और प्राचीन स्मारकों की खोज पुरातत्व के द्वारा ही की गई है।
भारत में बहुत सारे लिखित साक्ष्य मिलते हैं, जो पुरातत्व के द्वारा ही खोजें गए हैं।
भारतीय प्राचीन सभ्यताओं भी पुरातत्व की ही देन है। बिना इतिहास के ज्ञान के बिना हम पुरातत्वविद वस्तुओं का निष्कर्ष नहीं निकाल सकते हैं। बहुत सारे विद्वान इतिहास को पुरातत्व की ही शाखा मानते हैं।
निष्कर्ष :
तो दोस्तों, आज के आर्टिकल में हमने जाना कि पुरातत्व क्या होता है और Puratatva Se Aap Kya Samajhte Hain ?
आशा करते हैं, कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। अगर आपको यह जानकारी पसंद आई है, तो अपने दोस्तों और फैमिली के साथ ज़रूर शेयर करें। ताकि वह भी पुरातत्व के बारे में पता कर सकें।