बाघ एक तेज-तर्रार, खूबसूरत, ताकतवर और मांसाहारी जंगली पशु है. यह अपनी प्रजाति का सबसे बड़ा जीव है. यह भारत सहित एशिया के अधिकाँश इलाकों में काफी संख्या में पाया जाता है. बाघों की अधिकाँश उपस्थिति भारत, इंडोनेशिया, सुमात्रा, थाईलैंड, बंगलादेश, रूस, मलेशिया, भूटान और नेपाल में रहती है.
बाघ, भारत का राष्ट्रीय पशु है. भारत के साथ ही बांग्लादेश, मलेशिया और दक्षिण कोरिया का यह राष्ट्रीय पशु आज अपनी घटती हुई संख्या और विलुप्त होने की आशंकाओं के कारण चर्चा का विषय बना हुआ है. चारो ओर टाइगर्स के संरक्षण के प्रयास किए जा रहे हैं जिसकी वजह से पिछले कुछ समय में इनकी संख्या में वृद्धि हुई है.
लाल-पीले शरीर पर काली धारियों वाले इस जानवर को देखने और इसके बारे में जानने की इच्छा सबके मन में होती है. इस पोस्ट में हम आपको शेर के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ जैसे कि शेर का वैज्ञानिक वर्गीकरण, भौगोलिक उपस्थिति, भोजन, रहन-सहन और प्रजनन की विशेषताओं के साथ बाघ से जुड़े कुछ रोचक तथ्य भी बताएंगे.
बाघ से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी Info about Tiger in Hindi
बाघ पन्थेरा (Panthera) समूह का बिल्ली (Cat) परिवार का मांसाहारी स्तनपायी पशु है. यह बिल्ली जाति का सबसे बड़ा जीव है. बाघ शब्द संस्कृत के ‘व्याघ्र’ शब्द से बना है. बाघ को ख़ास तौर पर इसकी तेज रफ़्तार, शिकार करने की क्षमता और फुर्ती के लिए जाना जाता है.
बाघ को 1986 से ही IUCN की ‘लुप्तप्राय’ प्रजाति की श्रेणी में रखा गया है. दुनियाभर में इस समय लगभग 3950 टाइगर्स हैं जिनमें से 75% से ज्यादा अकेले भारत में पाए जाते हैं.
बाघ पुरातन काल से ही एतिहासिक महत्व के जीव रहे हैं. विभिन्न धर्मों और सम्प्रदायों में बाघों को प्रतीकों और अराध्य जीवों के तौर पर प्रदर्शित किया जाता रहा है. आज भी दुनियाभर के देशों, आयोजनों और संगठनों के झंडों या प्रतीकों में बाघ को प्रमुख तौर पर शामिल किया जाता है.
वैज्ञानिक रिसर्चर के अनुसार भारत में बाघों का आगमन चीन की तरफ से हुआ. भारत से रूस के सर्बिआ तक में पाए जाने वाले बाघों के डीएनए अध्ययन द्वारा इस बात का पता लगाया गया.
बाघ का वैज्ञानिक वर्गीकरण
- वैज्ञानिक नाम: पंथेरा टिगरिस (Panthera Tigris)
- किंगडम/जीव-समूह: पशु
- वर्ग: स्तनपायी पशु
- गण/समूह: Camivora
- कुल/परिवार: Cats (बिल्ली)
- प्रमुख प्रजातियाँ: बाघ की 9 प्रमुख प्रजातियाँ पाई जाती थी जिनमें से 3 प्रजातियाँ अब पूरी तरह से ख़त्म हो चुकी हैं. भारत में पाई जाने वाली बाघों की प्रमुख प्रजाति ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ है.
बाघ की शारीरिक संरचना
बाघ का शरीर लाल-पीले रंग का होता है जिस पर काली धारियां बनी होती हैं. ये काली धारियां बाघों को शिकार करते समय झाड़ियों में छिपने में मदद करती हैं. बाघ के शरीर के आंतरिक भाग जैसे वक्ष और पैरों का रंग सफ़ेद होता है. बाघ एक लंबा चौड़ा और वजनदार जानवर है. यह 300 किग्रा तक वजनी और 6-7 फीट तक लंबा हो सकता है.
बाघों का रहन-सहन और भोजन का तरीका
बाघ ज्यादातर नमी-युक्त, दल-दली भूमि वाले वनों और घास के मैदानों में रहना पसंद करते हैं. यह एक पूर्णत: मांसाहारी जीव है जो ज्यादातर अन्य शाकाहारी पशुओं का शिकार करता है.
बाघ के शिकारों में पालतू पशु, हिरामन, चीतल, जंगली सूअर, भैंसे, सांभर, गौर इत्यादि प्रमुख हैं. बाघ की फुर्ती, सूंघने और देखने की बेहतरीन क्षमता इसे कुशल शिकारी बनाती है.
बाघ के दौड़ने की रफ़्तार बहुत तेज होती ही लेकिन यह ज्यादा दूरी तक नहीं दौड़ पाता है. इसलिए यह अपना शिकार ज्यादातर छिपकर और अचानक से धावा बोलकर करता है.
बाघ की जीवन शैली और प्रजनन के तरीके
बाघ ज्यादातर अकेले ही रहते हैं और अपने क्षेत्र विशेष में दुसरे बाघों का दखल पसंद नहीं करते हैं. केवल प्रजनन काल के दौरान ही बाघ और बाघिन एक साथ आते हैं.
बाघिन लगभग साढ़े तीन महीने में बच्चों को जन्म देती है. एक बार में 2-3 बच्चों का जन्म होता है. बाघों के बच्चों का पालन-पोषण अकेली बाघिन ही करती है. शावकों को पूरी तरह बड़े होने में 2 से 3 साल का समय लग जाता है.
बाघ से जुड़े रोचक तथ्य Amazing Facts about Tigers in Hindi
- बाघों की पीछे वाली टांगें, आगे वाली टांगों से लम्बी होती हैं. जिनकी वजह से बाघों को तेज दौड़ने, कूदने और शिकार करने में मदद मिलती है.
- हमारे फिंगरप्रिंट की तरह बाघों के शरीर पर पाए जाने वाली काली धारियां भी हर बाघ के लिए यूनिक (अलग) होती हैं. कभी भी दो बाघों की धारियाँ एक जैसी नहीं हो सकती हैं.
- भारत में बाघ को पालतू जानवर नहीं बनाया जा सकता है, यह गैर-कानूनी है.
- बाघ ज्यादातर रात के समय शिकार करना पसंद करते हैं.
- बाघ अन्य जानवरों की तरह अपनी जीभ से खींचकर पानी नहीं पीते हैं बल्कि जीभ को कप की तरह इस्तेमाल करके वो अपने गले तक पानी को उड़ेलते हैं.
- टाइगर के बच्चे जब पैदा होते हैं तो वो अंधे होते हैं और सामान्यतया केवल आधे शावक ही बड़े होने तक ज़िंदा बचते हैं.
- बाघों का जीवन काल लगभग 20-25 वर्ष होता है लेकिन चिड़ियाघरों में वो ज्यादा समय तक भी जीवित रह जाते हैं.
- हमारे घरों में पाई जाने वाली बिल्लियों और बाघों का डीएनए 95.6% तक एक सामान होता है. दरअसल बाघ और घरेलू बिल्लियाँ एक ही परिवार का सदस्य हैं जो लगभग 10.8 मिलिओं साल पहले ही एक दूसरे से अलग हुए हैं.
- बाघों का दिमाग ध्रुवीय भालू और भूरे भालुओं को छोड़कर किसी भी अन्य मांसाहारी जानवर से बड़ा होता है.
- कुछ रिसर्च के अनुसार बाघ उनके द्वारा किए गए शिकार के 10-20 प्रयासों में से केवल एक ही बार सफल हो पाते हैं.
- अन्य बिल्लियों के उलट टाइगर्स अच्छे तैराक होते हैं और वो काफी लम्बे समय तक तैर सकते हैं.
- हर टाइगर के शरीर की खुसबू अन्य टाइगर के शरीर से अलग होती है. इसका कारण उनके शरीर में पाए जाने वाली गंध ग्रंथियों के कारण होता है.
- बाघ (Tigers) स्वभाव से शांत और अन्य जानवरों के प्रति शेरों की तुलना में विनम्र जानवर हैं. वो अक्सर अपना शिकार भी दूसरे बाघों और अन्य जानवरों के लिए छोड़ देते हैं.
- बाघ के पंजे और जबड़े किसी भी जानवर या मनुष्य को एक ही वार में तोड़ने की क्षमता रखते हैं.
- साइबेरियन टाइगर आकार में सबसे बड़ा टाइगर है जबकि Sumantran Tiger का आकार सबसे छोटा होता है.
- टाइगर के शरीर पर कानों के पीछे सफ़ेद रंग के धब्बे बने होते हैं जो शावकों को जंगल में उनकी माँ को पहचानने में मदद करते हैं.
- टाइगर 30 मीटर तक लम्बी और 12 फीट ऊंची छलांग लगा सकते हैं.
- टाइगर्स और शेरों के बीच शारीरिक सम्बन्ध बनाया जाना काफी सामान्य है. नर बाघ और मादा शेर के समागम से पैदा होने वाले बच्चों को ‘Tigons’ कहा जाता है और मादा बाघ एवं नर शेर के समागम से पैदा होने वाले शावकों को ‘Ligers’ कहा जाता है.
- आज से लगभग 100 साल पहले भारत की धरती पर अनुमानित रूप से 40,000 बंगाल टाइगर विचरण करते थे जो आज केवल 2600-2700 ही बचे हैं.
- वैज्ञानिकों को टाइगर्स के शरीर के लगभग 20 लाख साल पुराने अवशेष मिल चुके हैं.
- टाइगर्स के शरीर पर पाई जाने वाली लम्बी काली धारिया केवल उनके बालों पर ही नहीं अपितु उनकी त्वचा पर भी पाई जाती हैं.
इस पोस्ट में हमने आपको हमारे राष्ट्रीय पशु ‘बाघ’ के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी (Everything about Tiger in Hindi) उपलब्ध कराई है. अगर आपके दिमाग में टाइगर्स से रिलेटेड कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं.