शिक्षा क्या है ? शिक्षा का अर्थ , परिभाषा और शिक्षा से आप क्या समझते है ?
1 min readदोस्तों, आप तो जानते ही हैं, कि शिक्षा हमारे जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है ? शिक्षा के कारण ही हम किसी भी तरह के कार्य को करने में सक्षम बन सकते हैं।
शिक्षा जरूरी है, यह तो सब जानते हैं, लेकिन Shiksha Kya Hai ? इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है। आज का हमारा यह लेख शिक्षा के ऊपर है।
आज के इस लेख में हम आपको Shiksha Kya ? शिक्षा का क्या महत्व है ? शिक्षा के कितने प्रकार होते हैं ? आदि चीजों से संबंधित जानकारी देंगे। यदि आप भी शिक्षा के बारे में गहराई पूर्वक जानना चाहते हैं, तो हमारे इस लेख के साथ अंत तक जुड़े रहे।
शिक्षा क्या है ? ( Shiksha Kya Hai )
जीवन भर चलने वाली सीखने – सिखाने की प्रक्रिया को ही शिक्षा कहते हैं। शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति को अनुभव प्राप्त होता है और यह अनुभव जीवन पर्यंत तक प्राप्त होता रहता है।
शिक्षा हमारे आंतरिक गुणों का भी विकास करती है। शिक्षा के द्वारा मनुष्य को एक सही दिशा मिलती है और मनुष्य के अंदर की शक्तियां भी पूर्ण रूप से विकसित हो पाती है। शिक्षा केवल विद्यालय में ही प्राप्त नहीं होती बल्कि शिक्षा हम किसी भी व्यक्ति, वस्तु या स्थानों द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।
शिक्षा का अर्थ ( Meaning of Education )
शिक्षा संस्कृत भाषा के ” शिक्ष ” शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ होता है सिखाना या सीखना। शिक्ष शब्द में “अ” प्रत्यय लगाने से यह हिंदी भाषा का शिक्षा शब्द बन जाता है। यदि हम किसी भी व्यक्ति या वस्तु द्वारा सीख रहे होते हैं तो इसका अर्थ होता है, कि हम शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
शिक्षा को इंग्लिश में एजुकेशन ( Education ) कहा जाता है और यह इंग्लिश का एजुकेशन शब्द लैटिन भाषा के educatione शब्द से लिया गया है। जिसका अर्थ ज्ञान देना तथा ज्ञान प्राप्त करना होता है।
शिक्षा को हिंदी में विद्या भी कहते हैं, जिसका अर्थ होता है, विद्वान क्योंकि लोग विद्या ग्रहण करके ही विद्वान बनते हैं।
शिक्षा का अर्थ है कि सीखने की प्रक्रिया को जन्म से लेकर मृत्यु तक बरकरार रखना। जन्म से लेकर के मृत्यु तक हम किसी से भी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।
शिक्षा की परिभाषा ( Definition of Education )
शिक्षा की परिभाषा कई विद्वानों ने दी है। सभी विद्वानों में शिक्षा को लेकर अलग-अलग मत हैं। चलिए हम कुछ विद्वानों के अनुसार शिक्षा की परिभाषा समझते हैं।
स्वामी विवेकानंद के अनुसार, ” शिक्षा का अर्थ है उस पूर्णता को व्यक्त करना है, जो सब मनुष्य में पहले से विद्यमान हैं”।
महात्मा गांधी के अनुसार, ” शिक्षा से तात्पर्य बालक एवं मनुष्य के आत्मा, मन तथा शरीर में निहित सर्वोत्तम शक्तियों के उदघाटन से है”।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के अनुसार, ” शिक्षा से अंबेडकर जी का तात्पर्य बालक और मनुष्य के मन, शरीर तथा आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्कृष्ट विकास से है”।
शिक्षा के प्रकार ( Types Of Education )
शिक्षा के कई प्रकार होते हैं, क्योंकि शिक्षा कहीं से भी ग्रहण की जा सकती है, लेकिन यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, कि कोई भी व्यक्ति किस-किस तरह की शिक्षा ग्रहण करता है?
- औपचारिक शिक्षा
- अनौपचारिक शिक्षा
- सकारात्मक एवं नकारात्मक शिक्षा
1. औपचारिक शिक्षा ( Formal Education )
औपचारिक शिक्षा वह होती है, जो हम आमतौर पर स्कूल परिसर में जाकर सीखते हैं। स्कूल की शिक्षा बुनियादी ज्ञान को संदर्भित करता है।
स्कूल में जाकर बच्चे औपचारिक तरीके से शिक्षा ग्रहण करते हैं। औपचारिक का अर्थ है, कई बच्चों के द्वारा एक ही तरह के कपड़े पहन कर वही ज्ञान प्राप्त करना जो सभी बच्चे प्राप्त कर रहे हैं।
औपचारिक शिक्षा अधिकतर बच्चों द्वारा ही ग्रहण की जाती है। औपचारिक शिक्षा विशेष रुप से योग्य शिक्षकों द्वारा ही प्रदान की जाती है जिनके अंदर बच्चों को सिखाने की कला के साथ-साथ पर्याप्त कौशल भी हो।
2. अनौपचारिक शिक्षा ( Informal Education )
अनौपचारिक शिक्षा वह शिक्षा होती है, जो कोई भी बच्चे या व्यक्ति अपने माता-पिता द्वारा सीखते हैं। अनौपचारिक शिक्षा के अंतर्गत बच्चों को ऐसा ज्ञान दिया जाता है जो औपचारिक शिक्षा से परे हैं। जैसे- भोजन तैयार करना या साइकिल चलाना इत्यादि।
अनौपचारिक शिक्षा ऐसी शिक्षा है, जो किसी भी स्कूलों के शिक्षण पद्धति के माध्यम से ग्रहण नहीं की जाती, बल्कि यह किसी भी पुस्तक, किसी भी व्यक्ति, और किसी भी वस्तु द्वारा प्राप्त की जा सकती है।
3. सकारात्मक एवं नकारात्मक शिक्षा ( Positive and Negative Learning )
सकारात्मक एवं नकारात्मक शिक्षा ऐसी शिक्षा है, जो कोई भी व्यक्ति किसी भी उम्र में सीख सकता है। यह शिक्षा अनुभव पर आधारित होती है।
यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे वातावरण में है, जहां पर केवल सकारात्मकता है, तो वहां पर वह व्यक्ति सही तरीके के अनुभव प्राप्त करेगा। यदि है, तो वह व्यक्ति नकारात्मक अनुभव प्राप्त करेगा जो किसी भी व्यक्ति के लिए सही नहीं है।
शिक्षा का उद्देश्य ( Purpose of Education )
शिक्षा का केवल एक उद्देश्य नहीं बल्कि शिक्षा के कई उद्देश्य हैं। चलिए हम शिक्षा के उद्देश्यों को जानते हैं।
- शिक्षा का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है, कि व्यक्ति को सही दिशा दिखाना और समाज में उसकी एक अलग पहचान बनाना। क्योंकि शिक्षित व्यक्ति ही आगे चलकर एक सभ्य व्यक्ति बनता है जो समाज में गौरव हासिल करता है।
- शिक्षा का उद्देश्य केवल पैसे कमाना नहीं बल्कि एक ऐसे व्यक्तित्व को तैयार करना है जिससे अन्य लोग भी प्रभावित हो सके और उस व्यक्तित्व को अपना सके।
- शिक्षा का उद्देश्य किसी व्यक्ति के भविष्य को उज्जवल बनाना है, ताकि वह व्यक्ति आगे चलकर अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सके।
शिक्षा का हमारे जीवन में क्या महत्व है ? ( Importance of Education )
आज के समय में शिक्षा हमारे जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण जंग है, क्योंकि शिक्षा के माध्यम से ही हम आधुनिक युग में सही तरह से जीवनयापन कर सकते हैं।
आज के समय में सभी युवक बहुत तेजी से आकर बढ़ रहे हैं इसलिए हमें भी सभी के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है और यह तभी संभव है जब हम शिक्षित होंगे।
शिक्षा के कारण ही हमें जीवन जीने का एक उद्देश्य मिलता है और शिक्षा हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करती है। शिक्षा का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है।
पहले के समय में शिक्षा इतनी जरूरी नहीं थी, जितने कि आज है पहले के समय में लोग बिना शिक्षित हुए भी धन कमा लेते थे लेकिन आधुनिक युग में केवल धन कमाना है एक लक्ष्य नहीं है बल्कि जमाने के साथ आगे भी बढ़ना है और यह केवल शिक्षा के द्वारा ही संभव है।
निष्कर्ष ( Conclusion ) :-
दोस्तों, आज हमने आपको इस लेख के माध्यम से बताया कि Shiksha Kya Hai ?
आशा है, कि आप को शिक्षा से संबंधित जानकारियां मिल पाई होंगी। यदि आपके मन में कोई भी प्रश्न हो तो आप कमेंट करके पूछ सकते हैं।