Sanskrit Bhasha Ki Lipi Kya Hai

संस्कृत भाषा की लिपि क्या है ? Sanskrit Bhasha Ki Lipi Kya Hai

आज के इस आर्टिकल में हम संस्कृत भाषा की लिपि क्या है ? के बारे में जानने वाले है।

आप संस्कृत भाषा से तो अवश्य रूबरू होंगे, मगर क्या आप जानते हैं, कि संस्कृत भाषा का लिपि क्या है और संस्कृत भाषा को किस लिपि के आधार पर लिखा जाता है और संस्कृत भाषा का इतिहास क्या है।

अगर आपको यह सब मालूम नहीं है, तो आप हमारे इस लेख को ध्यान से पूरे अंत तक पढ़े,  क्योंकि इस लेख में हम ने इन्हीं सभी पर विचार विमर्श किया है, तो चलिए शुरू करते हैं।

Sanskrit Bhasha Ki Lipi Kya Hai | संस्कृत भाषा की लिपि क्या है ?

संस्कृत भाषा की कोई अपनी लिपि नहीं होती है, मगर कुछ इतिहासकारों का यह मानना है, कि संस्कृत भाषा की उत्पत्ति ब्राह्मी लिपि से हुई है, इसीलिए ब्राह्मी लिपि को संस्कृत भाषा की लिपि माना जाता है ।

ऐसा भी माना जाता है, कि ब्राह्मी लिपि लिपियों में से सब से पुरानी लिपि है। जब आप लिपियों का इतिहास पढ़ेंगे, तो आपको मालूम चलेगा, कि दक्षिणी और उत्तरी भारत की सभी लिपि का जन्म ब्राह्मी लिपि से ही हुआ है।

ब्राह्मी लिपि को कई जगहों पर धम्म लिपि भी कहा जाता है, ब्राह्मी लिपि का नाम धम्म लिपि सम्राट अशोक ने दिया था।

संस्कृत भाषा के कुछ अक्षर ब्राह्मी लिपि के ही आधार पर बनाए गए हैं और कुछ अक्षर तो एक जैसे दिखते भी है। हर राज्य और हर जगह के अनुसार संस्कृत भाषा की लिपि बदलती रहती है। यह बात आपको थोड़ा अजीब ज़रूर लगा होगा मगर यह सत्य है।

उदाहरण के तौर पर मान लीजिए, कि अगर किसी राज्य की भाषा हिंदी है और हम आपके  जानकारी के लिए बता दे, कि ( हिंदी भाषा  की लिपि देवनागरी होती है ) तो उस राज्य में देवनागरी लिपि होने के वजह से उस राज्य में संस्कृत भाषा की लिपि भी देवनागरी ही होगी।

संस्कृत भाषा हमारे अतीत और इतिहास को दर्शाती है, संस्कृत भाषा कुछ हजार साल पहले पूरे भारत मे लिखी व बोली जाती थी।

मगर समय के अनुसार सब बदल गया लोग धीरे-धीरे अलग भाषा की तरह पलायन करने लगे और अपने नए नए लिपि का निर्माण करने लगे। और संस्कृत भाषा धीरे-धीरे विलुप्त होता गया आज भारत में कुछ ही ऐसे जगह मौजूद है जहां पर संस्कृत भाषा बोली जाती है।

संस्कृत भाषा को किस लिपि में लिखा जाता है ?

संस्कृत भाषा के कोई अपनी लिपि ना होने के कारण इसे कोई भी लिपि के आधार पर लिखा जाता है, लेकिन ज्यादातर परिस्थितियों में देवनागरी लिपि का उपयोग करके संस्कृत भाषा लिखा जाता है।

कुछ क्षेत्र ऐसे होते हैं, जहां पर संस्कृत भाषा का उपयोग करके किसी बातों को व्यक्त करना मुश्किल साबित होता है, तो वहीं पर उस जगह के क्षेत्रीय भाषा के आधार पर संस्कृत भाषा को मिला जुला कर व्यक्त किया जाता है।

कुछ इतिहासकारों का ऐसा मानना है, कि देवनागरी लिपि संस्कृत भाषा के लिए ही बनी थी। मगर संस्कृत भाषा क्षेत्र और अलग-अलग लिपियों के आधार पर बोले और लिखे जाने लगा, इसी के कारण अभी तक इसका कोई कंठस्ट लिपि निर्धारित नहीं है।

संस्कृत भाषा का इतिहास

अगर हम संस्कृत भाषा के इतिहास के बारे में बात करे तो, संस्कृत भाषा को देव वाणी और सुभारती कहा जाता है। ऋग्वेद संस्कृत भाषा में लिखा गया सब से पुराना ग्रंथ है।

ऐसा माना जाता है, कि इस ग्रंथ को ढाई हजार इसा पूर्व लिखा गया था। भारत में बोली जाने वाली लगभग सभी भाषाओं में से सबसे पुरानी और ऐतिहासिक भाषा संस्कृत मानी जाती है।

बौद्ध धर्म, हिंदू धर्म, और जैन धर्म के सभी प्राचीन ग्रंथ भी संस्कृत भाषा का उपयोग करके ही लिखे गए है। अगर हम फिलहाल के समय के बारे में बात करे, तो भारतीय संविधान की आठवीं अनुशुचि में शामिल 22 प्रसिद्ध भाषाओं में से एक भाषा संस्कृत भी है।

संस्कृत भाषा केवल भारत में ही नही बल्कि यह नेपाल में भी बोली जाती है।

 संस्कृत भाषा की पाँच विशेषताएं

ऊपर हमने जाना, कि Sanskrit Bhasha Ki Lipi Kya Hai और संस्कृत भाषा का इतिहास क्या रहा है, अब हम जानेंगे, कि आखिर संस्कृत भाषा की विशेषताएं क्या-क्या हैं ? तो चलिए शुरू करते हैं।

  1. संस्कृत भाषा भारत का अत्यंत पुराना भाषा है और इसकी जननी देवनागरी लिपि और ब्राह्मी लिपि को माना जाता है।
  2. श्रावणी पूर्णिमा के दिन विश्व में संस्कृत दिवस मनाया जाता है। कुछ आंकड़ों के हिसाब से पहला बार संस्कृत दिवस वर्ष 1969 में मनाया गया था।
  3. क्या आपको मालूम है, कि संस्कृत को देव भाषा भी कहा जाता है। वास्तव में संस्कृत खुद विकसित भाषा नहीं है, बल्कि यह एक प्रकार का सांस्कारित भाषा है और यही वजह है की इसे संस्कृत कहा जाता है।
  4. ऐसा भी माना जाता है, कि संस्कृत में प्रत्येक शब्द के 27 रूप होते हैं, जब कि, विश्व की सभी भाषाओं मैं एक शब्द का एक ही रूप होता है।
  5. लगभग सभी भाषाओं में बहु-वचन और एक-वचन और होते हैं, लेकिन संस्कृत भाषा में बहु-वचन और एक-वचन होने के साथ ही साथ द्विवचन भी होता है।

अंतिम विचार :

उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से Sanskrit Bhasha Ki Lipi Kya Hai के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।

हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको संस्कृत भाषा की लिपि के बारे में बताने की कोशिश की है।

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