सौर-मंडल सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है ? Sabse Bada Grah Kaun Sa Hai
1 min readजैसा कि हम सब जानते हैं हमारी पृथ्वी, सौर-मंडल का एक महत्वपूर्ण ग्रह है। हमारे सौर मंडल में कुल 8 ग्रह है। इन ग्रहों की विशेषताएं भी अलग-अलग है।
कुछ ग्रहण छोटे हैं, तो कुछ ग्रह बड़े हैं। इसी के साथ कुछ ग्रह सूर्य के नज़दीक है, तो कुछ ग्रह सूर्य के बहुत दूर है।
इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सूर्य का एक महत्वपूर्ण योगदान है। यदि सूर्य ना हो, तो यह ग्रह आपस में टकरा कर नष्ट हो जाएंगे। जिससे बहुत बड़ा Back Hole जन्म ले लेगा।
आज हम इस लेख में आपको सबसे बड़े ग्रह के बारे में बताएँगे OR Sabse Bada Grah Kaun Sa Hai ?
इसके साथ ही हम यह भी बताएँगे, कि सबसे बड़े ग्रह की विशेषताएं, इसके उपग्रह आदि जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आपका ध्यान केंद्रित करेंगे।
हमारे सौर-मंडल के ग्रह में अलग-अलग विशेषताएं पाई जाती है। अपने इन्हीं विशेषताओं के वजह से इनके अलग-अलग नाम भी है।
पृथ्वी जिस पर हम रहते हैं। उसका दूसरा नाम नीला ग्रह भी है। नीला ग्रह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि सौर-मंडल से देखने पर हमारी पृथ्वी नीले रंग की दिखाई देती है।
इस नीले रंग का कारण हमारे ज्यादातर भू-भाग में पानी का होना है। इसी तरह अन्य ग्रहों को भी इन्हीं विशेषताओं की वजह से कई नाम दिए गए हैं।
यह लेख आपके लिए बहुत ही जानकारी भरा होगा, क्योंकि आप इस लेख में Sabse Bada Grah Kaun Sa Hai के बारे में जानेंगे। आइए जानते हैं।
सबसे बड़ा ग्रह कौन सा है ? Sabse Bada Grah Kaun Sa Hai
वैसे तो ब्रह्मांड में कई बड़े ग्रह है, लेकिन सौर-मंडल का सबसे बड़ा गृह बृहस्पति है। हमारे सौर-मंडल में कुल 8 ग्रह है, इन ग्रहों को आकार के अनुसार बाँटा गया है।
इनमें सबसे छोटा ग्रह बुध है तथा सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है। जिसको अंग्रेजी में जुपिटर (Jupiter) भी कहते हैं। इसका वजन लगभग हमारे धरती के वजन से 318 गुना अधिक है तथा हमारे पृथ्वी के व्यास से 11 गुना अधिक व्यास है।
यह बात आपको आश्चर्यचकित कर देंगे। हम सब जानते हैं, हमारे सौर-मंडल का केंद्र सूर्य है। इतना बड़ा ग्रह भी सूर्य के ही चक्कर लगाता है।
बृहस्पति की बात करें, तो यह एक ऐसा ग्रह है, जिसे हम अपने पृथ्वी से भी देख सकते हैं, अर्थात् दूरबीन की सहायता से हम इसे देख सकते हैं।
हमारे सौर मंडल में कितने ग्रह हैं ?
हमारे सौर-मंडल में कुल 8 ग्रह है :- बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्चून।
आपको यह बात जानकर हैरानी होगी, कि यह सारे ग्रह अपनी कक्षाओं में घूमते रहते हैं, परंतु किसी भी ग्रह को अन्य ग्रह की कक्षा में जाने की आवश्यकता नहीं होती है, अर्थात् यह ग्रह एक दूसरे की कक्षा में जा नहीं सकते हैं, क्योंकि इन ग्रह की अपनी खुद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति होती है।
इसी के माध्यम से यह सारे आठों ग्रह सूर्य के चक्कर लगाते हैं। इसके साथ ही इनके पास अपने उपग्रह भी है।
जैसे पृथ्वी का उपग्रह चंद्रमा है, वैसे ही अन्य ग्रहों के एक या एक से अधिक उपग्रह है, जो उन्हीं ग्रह के चक्कर लगाते हैं।
जैसे पृथ्वी का चक्कर चंद्रमा लगाता है, यह प्रक्रिया इसलिए होती है, क्योंकि इन दोनों के बीच में गुरुत्वाकर्षण बल के वजह से आपस में नहीं आ पाते हैं। यदि गुरुत्वाकर्षण बल खत्म हो जाए, तो यह आपस में टकरा कर विस्फोट हो जाएंगे।
ब्रह्मांड क्या है ?
यदि ब्रह्मांड को परिभाषित किया जाए, तो इसमें कई सारे सौर-मंडल आते हैं। यदि हम इसे सरल भाषा में कहें तो बहुत सारे सौर-मंडल का समूह ही ब्रह्मांड कहलाता है।
ब्रह्मांड में ऐसे ग्रह भी है, जो शायद पृथ्वी के तरह जीवन प्रदान करते हैं। हमारे सौर-मंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति के सामान भी अन्य सौर-मंडल में ग्रह हो सकते हैं।
सौर–मंडल क्या होता है ?
सौर-मंडल एक तरह से ग्रहों का समूह होता है। जिसमें बहुत सारे ग्रह होते हैं, जैसे हमारे सौर-मंडल का नाम मंदाकिनी है।
इसमें कुल 8 ग्रह है तथा उनके उपग्रह है। हमारे सौर-मंडल का केंद्र सूर्य है, सूर्य के चारों ओर सारे ग्रह चक्कर लगाते हैं। जिसमें से बृहस्पति भी है।
बृहस्पति के उपग्रहों के नाम
हमारे सौर-मंडल का बृहस्पति पांचवें नंबर का ग्रह है। इसके गुरुत्वाकर्षण बल के वजह से इसके कक्षा में कई सारे उपग्रह चक्कर लगाते हैं।
जैसे हमारे पृथ्वी का चंद्रमा चक्कर लगाता है। वर्तमान समय में ज्ञात उपग्रहों की संख्या 79 है। जिनमें से कुछ उपग्रह का आकार हमारे चंद्रमा से भी काफी बड़े हैं।
जिनका नाम :- गैनिमीड, कलिस्टो, आयो और यूरोपा
बृहस्पति का वायुमंडल
इसका वायुमंडल हमारे पृथ्वी के जैसा नहीं है, इसमें मुख्य रुप से हाइड्रोजन, हिलियम, मीथेन, जल-वाष्प, अमोनिया और सिलिकॉन है। इसमें किसी भी जीव या जंतु को जीवित रखने में कई प्रकार की समस्याएं आएँगी।
बृहस्पति का नाम जुपिटर कैसे पड़ा
हमारे पृथ्वी में कई सारी पौराणिक कथाएं है तथा बहुत से लोग धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। वैज्ञानिकों की माने तो वैज्ञानिक भी धार्मिक विश्वासों पर अधिक रूचि दिखाते हैं।
जब बृहस्पति का नाम-करण करने की बारी आई, तो रोमन सभ्यता के प्रमुख देवता जुपिटर के नाम से रखा गया। यह रोमन सभ्यता के एक महत्वपूर्ण देवता है। माना जाता है, कि रोमन संख्या विश्व की पुरानी सभ्यताओं में से एक है।
बृहस्पति की विशेषताएं और रोचक तथ्य
- यह सौर-मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
- इस बृहस्पति में 1300 पृथ्वी समा सकती है।
- बृहस्पति के 1 वर्ष की लंबाई लगभग 11 वर्ष होती है।
- इसे खुली आंखों से भी देख सकते हैं।
- गैलीलियो ने सबसे पहले बृहस्पति को ही देखा था।
- इसकी खोज सातवीं या आठवीं शताब्दी में हो चुकी थी।
- यह अपने कक्षा में एक पूरा चक्कर लगाने में कुल 9 घंटे और 55 मिनट का समय लेता है।
- इसमें एक विशाल गड्ढा या धब्बा है, जिसे द ग्रेट रेड स्पॉट कहते हैं।
- यह गैस से बना हुआ है।
- जब आप धरती पर रहते हैं, तो यदि आपका वजन 50 किलोग्राम है, तो जब आप बृहस्पति में जाएंगे तो 132 किलोग्राम हो जायेगा।
Conclusion :
आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य सौर-मंडल के सबसे बड़े ग्रह Or Sabse Bada Grah Kaun Sa Hai के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है। बृहस्पति के बारे में हमने लगभग सारी जानकारी आपको दे दी है।