Rasayan vigyan ke janak kaun hai

आधुनिक रसायन विज्ञान का जनक किसे माना जाता है ? Rasayan vigyan ke janak kaun hai

रसायन विज्ञान हमारे शिक्षा प्रणाली का एक महत्वपूर्ण विषय है। इसके बिना कई सारी परीक्षाओं का अस्तित्व ही नहीं रहेगा।

इसके साथ ही रसायन विज्ञान इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि आने वाले दिनों में हम रसायनों के माध्यम से नए-नए आविष्कार करके पर्यावरण तथा मनुष्य के लिए कई आवश्यक खोज कर सकते हैं।

जिसका उपयोग हम इनकी भलाई के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। रसायन विज्ञान में कई प्रकार के विषय होते हैं। जो इसे अपने आप में एक अलग ही रोचकता पैदा हो जाती है।

आज हम इस लेख में आपको रसायन विज्ञान के जनक के बारे में बताएँगे।

यह लेख आपके लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा। रसायन विज्ञान का जनक कौन है ? इसके बारे में भी आपको बताएँगे। इसके साथ ही हम रसायनों का उपयोग, विशेषताएं, वर्गीकरण आदि जैसे बिंदुओं पर आपका ध्यान केंद्रित करेंगे।

वैसे तो रसायन विज्ञान का क्षेत्र बहुत ही विस्तृत है। इसका इस्तेमाल घरेलू कामकाज से लेकर अंतरिक्ष के उपकरणों में भी किया जाता है।

चलिए अब जानते है, कि Rasayan Vigyan Ke Janak Kaun Hai ?

रसायन विज्ञान के जनक कौन हैं ? Rasayan Vigyan Ke Janak Kaun Hai

रसायन विज्ञान के जनक एंटोनी लेवोज़ियर थे। यह फ्रांस के निवासी थे, जिनका जन्म 26 अगस्त 1743 में हुआ था तथा इनकी मृत्यु 8 मई 1794 में हुई थी।

इन्हें आधुनिक रसायन शास्त्र का जनक कहा जाता है। इन्होंने सबसे पहले रसायन विज्ञान का उपयोग करके कई सारे आविष्कार तथा रसायन शास्त्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

इन्हीं की बदौलत आज हर कोई रसायन विज्ञान का उपयोग करके कई सारे आवश्यक कार्यों को करते हैं।

रसायन विज्ञान ऐसे पदार्थों का अध्ययन करना है, जिसमें Electron, Proton और Neutron होते हैं। यह परमाणु, अणु तथा योगिक के रूप में पाए जाते हैं।

उनकी संरचना काफी सरल तथा जटिल भी होती है। इसकी संरचना तथा गुण रसायन में उपस्थित परमाणु संख्या तथा द्रव्यमान पर निर्भर करती है। रसायन का शाब्दिक अर्थ रसों का अध्ययन करना है।

भारतीय रसायन विज्ञान के जनक कौन हैं ?

पूरी दुनिया जब रसायन विज्ञान के बारे में जान रही थी, तब भारत ने भी रसायन विज्ञान के बारे में जानने की कोशिश की।

भारत के रसायन विज्ञान के जनक का नाम प्रफुल्ल सुंदर राव है। इन्होंने अपने अनुभव तथा ज्ञान का इस्तेमाल करके भारत को रसायन शास्त्र के बारे में जानकारी दी।

वैसे तो भारतीय इतिहास में हड़प्पा काल से ही रसायन विज्ञान तथा रसायन प्रौद्योगिकी का ज्ञान प्राप्त होता है परंतु यह किसी भी तरह से लिखित नहीं है।

पुराने जमाने में लोग तांबे की प्रतिमा बनाते थे, जो उन्हें रसायन विज्ञान का जानकर साबित करती है।

रसायन विज्ञान भारत में बहुत पुराना है परंतु लिखित साक्ष्य प्राप्त न होने की वजह से भारतीय विद्वान तथा अन्य विद्वानों का मत यह है, कि सबसे पहले फ्रांस में ही रसायन विज्ञान के बारे में जाना गया।

रसायन विज्ञान के प्रकार

  • कार्बनिक रसायन विज्ञान
  • भौतिक रसायन विज्ञान
  • अकार्बनिक रसायन विज्ञान
  • जीव रसायन विज्ञान
  • औद्योगिक रसायन विज्ञान
  • कृषि रसायन विज्ञान
  • नाभिकीय रसायन
  • औषधि रसायन
  • हरित रसायन
  • यांत्रिक रसायन
  • पर्यावरणीय रसायन

बीमारी के उपचार में रसायन विज्ञान का महत्व

ज्यादातर हम देखते हैं, कि रसायन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। आज लगभग ज्यादातर दवाइयाँ रसायन के ही माध्यम से बनती हैं।

आज लगभग 4000 औषधियां प्राप्त है, 30,000 प्रकार के रोगों का उपचार करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।

यदि हमें सर दर्द होने लगे, तो हम Di sprint गोली का इस्तेमाल करते हैं, जिनमें सर दर्द की बीमारी को दूर कर देती है।

जब हमारे सीने में जलन होने लगती है, तो हम गैस की टेबलेट खा लेते हैं, जिससे कुछ ही देर में जलन दूर हो जाती है।

इसी तरह से हमें बुखार आने पर Paracetamol ( पेरासिटामोल ) जैसे रसायन का इस्तेमाल करके बुखार को भी दूर कर लेते हैं।

ऐसे ही बहुत से रसायन है, जिनका इस्तेमाल हम दैनिक जीवन में नियमित रूप से करते हैं।

रसायन की विशेषताएं

  • रसायानिक ऐसा पदार्थ है जो ठोस, गैस तथा द्रव्य तीनों अवस्था में पाया जाता है।
  • यह हमारे दैनिक जीवन में काफी महत्वपूर्ण है।
  • यदि हम कीटों को मारने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, तो वह कीटनाशक बन जाता है।
  • इसी तरह से हम कृषि के क्षेत्र में देखें तो वह रसायानिक उर्वरक जैसे यूरिया, DAP आदि जैसे महत्वपूर्ण रसायनों का उपयोग नियमित रूप से करते रहते हैं।
  • यदि कोई ऐसा पदार्थ है, जो विघटित नहीं हो रहा है, तो उन्हें रसायनों के माध्यम से विघटित किया जा सकता है।
  • यदि रसायन का उपयोग ना करें, तो बहुत से कार्य असंभव हो जाएँगे।
  • हमारे पेट्रोल तथा डीजल में भी रसायन विज्ञान का ही महत्वपूर्ण रोल है।
  • मोमबत्ती से लेकर रॉकेट तक जितने भी वस्तुएँ हैं, उनमें सब में रसायन विज्ञान का ही इस्तेमाल होता है।
  • यहां तक की चूने में भी रसायन का ही इस्तेमाल होता है।
  • प्लास्टिक, कपड़ा, उर्वरक, धातु, चमड़ा आदि में भी रसायनों के माध्यम से ही इनको बनाया जाता है।
पदार्थों में विभिन्न रसायनों का महत्व
  • फूलों की सुगंध जो हम प्राप्त करते हैं, उसमें फ्लेवोनॉयड होता है, इसी रसायन के वजह से हमें अच्छी सुगंध आती है।
  • केले की गंध इसके पीछे isoamyl Acetate रसायन होता है।
  • नींबू की ताज़गी की वजह तथा इसमें खट्टापन सिट्रिक एसिड के वजह से होता है।
  • संगमरमर का निर्माण कैलशियम कार्बोनेट के यौगिकों के माध्यम से होता है।
  • माउथ वास करने के लिए आयोडीन के यौगिकों का इस्तेमाल किया जाता है।
  • एल्कोहलिक पेय पदार्थों में इथेनॉल पाया जाता है।
  • कांच के निर्माण के समय गुलाबी या हल्का पीला गुलाबी बनाने के लिए सेलीनियम का इस्तेमाल किया जाता है।
  • यदि कांच को हरा बनाना है, तो इसमें अधिक मात्रा में कॉपर मिलाया जाता है।
  • यदि कांच को लाल रंग का बनाना है, तो कॉपर ऑक्साइड मिलाना पड़ता है।

Conclusion

आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य Rasayan Vigyan Ke Janak Kaun Hai के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है।

ताकि हम रसायन विज्ञान के हर पहलू को ध्यान में रखकर इसका अध्ययन कर सकें। हमने इस लेख में आपको कई ऐसे रोचक तथ्य तथा महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जो आपके लिए लाभकारी साबित होगी।

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