Physics ke Janak :- भौतिक विज्ञान एक महत्वपूर्ण विषय है। इसके बिना हमारी शिक्षा प्रणाली अधूरी है। 11 वीं तथा 12 वीं के बच्चों को भौतिक विज्ञान पढ़ाया जाता है।
इसके अध्ययन से लोगों को पृथ्वी में होने वाले बदलाव तथा नियमों के बारे में पता चलता है। आज हम इस लेख में आपको भौतिक विज्ञान के जनक के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे तथा हम इस लेख के माध्यम से आपको भौतिक विज्ञान के महत्वपूर्ण नियम तथा सिद्धांतों के बारे में भी विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे।
इसके साथ ही हम आपको भौतिक विज्ञान के रोचक तथ्यों के बारे में भी बताएँगे। भौतिक विज्ञान अपने आप में एक पारदर्शी विज्ञान है।
इसके अंतर्गत हमें गति के नियम गुरुत्वाकर्षण के नियम आदि जैसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों को पढ़ने का अवसर प्राप्त होता है। इसके अंतर्गत हम प्रकाशिकी, गति तथा चुंबकीय गुणों के बारे में जान सकते हैं। आइए जानते हैं, भौतिक विज्ञान के जनक के बारे में।
भौतिक विज्ञान के जनक कौन है ? Physics ke Janak
भौतिक विज्ञान के जनक Sir Isaac Newton है। इन्हें भौतिक विज्ञान का जनक कहा जाता है परंतु इनके साथ गैलीलियो और अल्बर्ट आइंस्टाइन को भी भौतिक विज्ञान का जनक कहा जाता है, क्योंकि इन दोनों वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान तथा खोजों के माध्यम से भौतिक विज्ञान में एक नई क्रांति लाई है।
उन्होंने अपने सिद्धांतों तथा नियमों के आधार पर भौतिक विज्ञान को इतने शिखर तक पहुंचाया है। यहां तक कि पृथ्वी की कक्षा के बारे में वैज्ञानिकों के कई मत थे, परंतु गैलीलियो ने जिस तरह से पृथ्वी की कक्षा तथा सूर्य को केंद्र माना है, उसे आज तक कोई झुठला नहीं पाया है।
Sir Isaac Newton कौन है ?
इन्हें भौतिक विज्ञान का जनक कहा जाता है, इनका जन्म 4 जनवरी 1648 इंग्लैंड में हुआ था तथा इनकी मृत्यु 31 मार्च 1727 में हुई थी।
इन्होंने अपने 84 साल के जीवन में कई सारे खोज तथा नियमों का अध्ययन किया। इन्हें इंग्लैंड के एक जाने-माने वैज्ञानिक के रूप में जाना जाता है। न्यूटन एक महान गणितज्ञ, ज्योतिष, भौतिक वैज्ञानिक एवं दार्शनिक थे।
इनका एक शोध पत्र, जिसका नाम ” प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांत ” है। यह शोध पत्र 1687 में प्रकाशित किया गया था। जिसमें गुरुत्वाकर्षण एवं गति के नियमों की व्याख्या की गई है।
इसमें गुरुत्वाकर्षण के बारीक से बारीक पहलू को वर्णित किया गया है। इसी के साथ गति के नियमों के सिद्धांत तथा परिभाषा को समझाया गया है।
न्यूटन के लेख
- टकसाल में मास्टर के रूप में रिपोर्टें (1701-25)
- एरिथमेटिका युनीवरसेलिस (1707)
- दी सिस्टम ऑफ़ दी वर्ल्ड, ऑप्टिकल लेक्चर्स, ‘दी क्रोनोलोजी ऑफ़ एनशियेंट किंगडम्स
- डेनियल पर प्रेक्षण और डी एपोकलिप्स ऑफ़ सेंट जॉन (1733)
- धर्म-ग्रन्थ के दो उल्लेखनीय भ्रष्टाचारों का ऐतिहासिक लेखा जोखा (1754)
- मेथड ऑफ़ फ़्लक्सियन्स (1671)
- ऑफ़ नेचर ओब्वियस लॉस एंड प्रोसेसेज इन वेजिटेशन
- डे मोटू कोर्रम इन जिम (1684)
- फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका (1687)
- ऑप्टिक्स (1704)
न्यूटन की महत्वपूर्ण खोज
- गति के नियम
- आकर्षण के नियम
- गणना
- द्विपद प्रमेय
- प्रकाशीय गणना
- पृथ्वी का आकार
- न्यूटन बहुपद
- न्यूटन का प्रतिक्षेपक
- न्यूटन के धार्मिक विचार
- न्यूटन श्रृंखला
- न्यूटन की परिक्रामी कक्षाओं की प्रमेय
- न्यूटन (इकाई)
- न्यूटन-कोट्स सूत्र
- न्यूटन- यूलर समीकरण
- न्युटोनियन वाद
- श्रोडिंगर-न्यूटन समीकरण
- शीतलन का नियम
- दृश्य स्पेक्ट्रम
- न्यूटन की विधि
अल्बर्ट आइंस्टाइन कौन थे ? OR Bhautik Vigyan Ke Janak
अल्बर्ट आइंस्टाइन एक भौतिक विज्ञान के विद्वान तथा वैज्ञानिक थे। इन्हें भी भौतिक विज्ञान का जनक कहा जाता है। अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म 14 मार्च 1879 में हुआ था तथा इनकी मृत्यु 18 अप्रैल 1955 में हुई थी।
इन्होंने अपने शोध तथा शोध पत्रों के माध्यम से लोगों को भौतिक विज्ञान के बारे में समझाया। इन्होंने भौतिकी का ज्योमेट्रीकरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर लोगों का ध्यान केंद्रित किया।
इन्होंने अपने जीवन में 300 से अधिक वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया। 5 दिसंबर 2014 को विश्वविद्यालयों तथा अभिलेखागार ने अल्बर्ट आइंस्टाइन के 30,000 से अधिक दस्तावेजों का प्रदर्शन की घोषणा की है।
इन्होंने अपने जीवन में कई सिद्धांतों तथा नियमों का वर्णन तथा वैज्ञानिक स्वरूप दिया है।
अल्बर्ट आइंस्टाइन की खोज
- अनुस मिराबिलिस पेपर्स
- उष्मागतिकी अस्थिरता और सांख्यिकीय भौतिकी
- सापेक्षता का सिद्धांत
- सापेक्षता के सिद्धांत और E=mc²
- फोटोन और ऊर्जा क्वांटम
- क्वानटाइज्ड परमाणु कंपन
- स्थिरोष्म सिद्धांत और चाल-कोण चर
- भौतिक ब्रह्मांड विज्ञान
- तरंग-कण द्वैतवाद
गैलीलियो गैलिली कौन थे ? OR Physics ke Janak
इनका जन्म 15 फरवरी 1564 में इटली में हुआ था तथा इनकी मृत्यु 8 जनवरी 1642 में हुई थी। इनका जन्म इटली की संगीतज्ञ परिवार में हुआ था परंतु गैलीलियो का मन वैज्ञानिक उलझन में उलझा रहता था।
उन्होंने अपने इस कार्यकाल में कई सारे आविष्कार किए। उनमें से प्रमुख है, दूरबीन का आविष्कार। दूरबीन के आविष्कार ने मानव एक भौतिक विज्ञान में भूचाल ला दिया था। उन्हें आधुनिक प्रायोगिक खगोलिकी का जनक भी कहा जाता है।
गैलीलियो गैलिली की प्रमुख खोज Physics ke Janak Ki Khoj
- प्रकृति के नियम
- गणित के समीकरणों
- दूरदर्शी
- Celatone
- गैलीलियो माइक्रोमीटर
- गैलीलियोज़ एस्केप्मेंट
- गैलीलियो आनुपातिक कंपास
भौतिक विज्ञान में दिए गए नोबेल पुरस्कार
भौतिक विज्ञान के प्रमुख वैज्ञानिकों के नाम ( Physics ke Janak Kaun Hai) जिन्होंने अपने जीवन में भौतिक विज्ञान के लिए बहुत से आविष्कार किए हैं। उन्हें आज भी पूरी दुनिया याद करती है। भौतिक विज्ञान में महत्वपूर्ण वैज्ञानिकों का योगदान उन वैज्ञानिकों का नाम की सूची:-
- Albert Einstein
- Manne Siegbahn
- James Franck and Gustav Hertz
- Owen Richardson
- Werner Heisenberg
- Otto Stern
भौतिक विज्ञान के रोचक तथ्य
- भोजन से ऊर्जा को मापने वाली इकाई को जूल या कैलोरी में मापा जाता है।
- चंद्रमा से प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में केवल 1.255 सेकंड का समय लगता है।
- 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा के प्रतिरोध को दूर करने के लिए अपने ईंधन के लगभग आधे हिस्से का उपयोग किया जाता है, अर्थात् गाड़ी की स्पीड तेज होने पर ईंधन कम जलता है।
- पानी गुरुत्वाकर्षण बल के विरुद्ध काम कर सकता है।
- यूरेनस के लगभग 27 उपग्रह है।
- बृहस्पति के लगभग उन 79 उपग्रह है।
- सूर्य पृथ्वी से लगभग 3 लाख गुना बड़ा है।
- शुक्र ग्रह सौर मंडल का सबसे गर्म ग्रह माना जाता है। जिस का अधिकतम तापमान 450 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है।
- सौर मंडल का गठन लगभग 460 करोड़ साल पहले हुआ था।
- लावा पृथ्वी की सतह के नीचे पाए जाने वाला गर्म तरल पत्थर होता है, जब ज्वालामुखी सक्रिय हो जाता है, तो यह बाहर निकल आता है।
- सहारा रेगिस्तान को विश्व का सबसे बड़ा रेगिस्तान माना जाता है।
- सौर मंडल में पृथ्वी पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है।
- पृथ्वी को अंतरिक्ष से देखने पर नीले रंग का दिखाई देता है, इसलिए पृथ्वी को नीला ग्रह भी कहा जाता है।
Conclusion
आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख ( Physics ke Janak ) का उद्देश्य भौतिक विज्ञान के जनक के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है, ताकि जो भी विद्यार्थी या प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी है, उन्हें इस लेख से महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके।