मोर से जुड़े 31 रोचक तथ्य, महत्वपूर्ण जानकारी Peacock in hindi
1 min readमोर एक बहुत ही सुन्दर पक्षी है, इसका भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म में अहम स्थान है. आदि-काल से ही मोर को सभी पक्षियों से श्रेष्ठ माना जाता रहा है, जिस वजह से इसे पक्षियों का राजा भी कहा जाता है.
मोर का वर्णन हिन्दू पौराणिक कथाओं में भी मिलता है. पंख फैलाया हुआ मोर जहां शिव पुत्र कार्तिकेय का वाहन माना जाता है तो वही भगवान कृष्ण का मुकुट भी मोर पंखों से बना होता है. बारिश के समय मोर का मनभावन नृत्य इसकी ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देता है.
इतिहास में भी मोर की महत्वता के बहुत सारे साक्ष्य मिलते हैं. चाहे वह मौर्या साम्राज्य के समय मोर के चित्रों वाले सिक्के हों या मुग़ल सम्राट शाहजाह के समय का राज सिहांसन जिसे ‘तख़्त-ए-ताउस’ कहा जाता था. ‘ताउस’ अरबी भाषा में मोर को कहा जाता है.
भारत और पूरे एशिया महाद्वीप में मोर बहुतायत से मिलता है. मोर भारत और श्रीलंका दोनों ही देशों का राष्ट्रीय पक्षी है. मोर को 26 जनवरी, 1963 को भारत का राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था.
इस पोस्ट में हम आपको मोर से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियाँ जैसे कि मोर का वैज्ञानिक वर्गीकरण, शारीरिक संरचना, भोजन, रहन-सहन का तरीका, प्रजनन विशेषताएं (Info about Peacock in Hindi), मोर पर निबंध (Essay on Peacock in Hindi) इत्यादि के बारे में बताएंगे. साथ ही इस पोस्ट में आपको मोर के बारे में कुछ रोचक तथ्य भी जानने को मिलेंगे.
मोर के बारे में सामान्य जानकारी Basic Peacock info in Hindi.
- Peacock केवल नर मोर के लिए इस्तेमाल किया जाता है. मादा मोर का अंज्रेजी नाम ‘Peahen’ है वही हिन्दी में इसे मोरनी कहा जाता है. नर और मादा दोनों को ‘Peafowl’ कहा जाता है.
- भारत और श्रीलंका में पाए जाने वाला मोर नीले रंग का होता है वहीं दक्षिण-पूर्व एशिया में हरे रंग का मोर पाया जाता है. मोर की एक अन्य ज्ञात प्रजाति अफ्रीका महाद्वीप में पाया जाने वाला ‘Congo peafowl’ है जो मुख्यतः अफ्रीका के कांगो देश में पाया जाता है.
मोर का वैज्ञानिक वर्गीकरण:
- वैज्ञानिक नाम: Afropavo, Pavo (पावो)
- किंगडम/जीव-समूह: पशु
- वर्ग: पक्षी
- गण/समूह: Galliformes (गल्लिफोर्मेस)
- कुल/परिवार: Phasianidae (फसियनाडे)
- प्रमुख प्रजातियाँ: मोर की प्रमुख प्रजातियाँ हैं- नीला भारतीय उपमहाद्वीपीय मोर, हरा दक्षिण-पूर्व एशियाई मोर और अफ्रीका का कांगो मोर.
मोर की शारीरिक सरंचना
- नर और मादा मोर की शारीरिक संरचना में खासा अंतर होता है. नर मोर लगभग 6-7 फीट लम्बे और 4-6 किलो वजनी होते हैं, वहीं मादा मोर (मोरनी) की लम्बाई 3-3.5 फीट तक होती है और वजन 3-4 किलोग्राम तक होता है.
- नर और मादा दोनों का ही शरीर भारी पंखों से ढका होता है. मोर के शरीर पर पंखों के साथ-साथ पीछे की तरफ लम्बे-खूबसूरत नीले-हरे पूछ्नुमा पंख होते हैं तो वही मोरनी के पंख कम लम्बे और कम सुन्दर होते हैं. मोरनी के शरीर में मोर की तरह पूंछ वाले पंख नहीं होते हैं.
- मोर और मोरनी को पहचानना बहुत सरल है. मोर के सिर पर मुकुट-नुमा कलगी होती है जो मोरनी के सिर पर नहीं पाई जाती है.
- मोर और मोरनी दोनों का ही सिर बहुत छोटा होता है जिससे इनकी चोंच/मुँह जुड़ा होता है.
- मोर उड़ने में सक्षम होते हैं लेकिन बड़े शरीर के कारण ये लगातार ज्यादा दूरी तक नहीं उड़ पाते हैं.
- बारिश के मौसम के बाद साल में एक बार मोर की पूंछ वाले पंख टूट कर गिर जाते हैं और गर्मियाँ आने से पहले फिर से नए पंख उग आते हैं.
मोर का भोजन
- मोर सामान्यत: शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का भोजन करते हैं. उनके मुख्य भोजन में फूल-पत्ती, फल, बीज, कीड़े, चीटियाँ, इत्यादि पदार्थ शामिल हैं.
- मोर खाई जा सकने वाली ज्यादातर वस्तुएं खा लेते हैं.
- मोर द्वारा साँपों, चूहों, तितलियों, मुर्गियों के बच्चे आदि को बहुतायत में खाया जाता है.
मोर का रहन सहन और भौगोलिक वितरण
- मोर सामान्यतया गर्म और आद्र स्थानों पर पाए जाते हैं. भारत और श्रीलंका जैसे देशों में पाए जाने वाले नीले मोर काफी हद तक ठंड सहन कर लेते हैं लेकिन दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाने वाले हरे मोर ठंडे स्थानों पर नहीं रह सकते हैं.
- मोर एक जंगली पक्षी है, लेकिन खाने की खोज और जंगलों की कमी उन्हें इंसानी बस्तियों तक ले आई है. आज मोर को किसी भी बस्ती, गाँव आदि में विचरण करते हुए देखा जा सकता है.
- मोर एक सामजिक प्राणी है और ज्यादातर अपने परिवार के साथ पाया जाता है. अपने क्षेत्र में दूसरे मोरों को लेकर ये काफी आक्रामक होते हैं और उन्हें अपने क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने देते हैं.
- भारतीय मोर को वर्षा ऋतू में मस्ती के साथ नाचते और आवाजें निकालते हुए देखा जा सकता है.
मोर की प्रजनन विशेषताएं
- मादा मोर साल में दो बार अंडे देती हैं. यह एक बार में 4-5 अंडे दे सकती है. मोरनी, मोर के साथ प्राकृतिक सहवास द्वारा ही गर्भवती होती है.
- मोरनी प्रजनन के लिए किसी प्रकार के घोंसलों का निर्माण नहीं करती है और ज्यादातर गड्डों में अंडे देती है.
- मोरनी के अंडों से बच्चे निकलने में लगभग 25 से 30 दिन लग जाते हैं. मोर के बाच्चों को Peachick कहा जाता है.
- मोर के बच्चों को पूरी तरह बड़ा होने में 3 साल तक का समय लग जाता है.
मोर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (Facts about Peacock in Hindi)
- मोर के दौड़ने की औसत गति 16 किमी० प्रति घंटे तक होती है.
- मोर की मुख्यतः तीन ही प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनमें से कांगो प्रजाति को ख़त्म हो सकने वाली श्रेणी में रखा गया है.
- नर मोर मोरनी को रिझाने के लिए अपने रंग-बिरंगे पंखों को फैलाकर नृत्य करता है और तरह-तरह की आवाजें निकालता है.
- मोरनियाँ ज्यादातर दोपहर के समय अंडे देती हैं.
- नर मोर केवल एक साथी के साथ नहीं रहते हैं और एक समय में वो 2 से 5 मादा मोरनियों के साथ सम्बन्ध बनाते हैं.
- मोरनियाँ, सहवास के लिए ज्यादातर उन मोरों को चुनती हैं जो साइज़ में बड़े, और चमकदार पंखों वाले होते हैं.
- जन्म के समय मोर के शरीर पर पंख नहीं होते हैं और पूरी तरह पंख आने में तीन साल तक का समय लग जाता है.
- मोरों की लम्बी खूबसूरत चमकदार पंखों को अंगरेजी में ‘Train’ कहा जाता है.
- धुमैला मोर, म्यांमार का राष्ट्रीय पक्षी है.
- दुनिया के ज्यादातर धर्मों में मोर को उच्च कोटि का दर्जा प्राप्त है. हिन्दू धर्म में मोर को दयालुता, ज्ञान, उदारता और सम्वेदनशीलता का प्रतीक माना जाता है. इसाई धर्म में मोर को अनंतता का प्रतीक मना जाता है और ग्रीक कथाओं में मोर को देवी हेरा के साथ जोड़ा जाता है.
इस पोस्ट में हमने आपको मोर से जुड़ी सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि मोर का विज्ञानिक वर्गीकरण, भौगौलिक स्थिति, रहन-सहन, भोजन, प्रजनन आदि के साथ उससे जुड़े रोचक तथ्यों (All Info about Peacock in Hindi) की जानकारी दी है. ये जानकारी आपको मोर के बारे में जानने और स्टूडेंट्स को मोर पर निबंध (Essay on Peacock in hindi) आदि लिखने में मददगार रहेगी.