जीव विज्ञान एक महत्वपूर्ण विषय है। आज हम इस लेख में आपको जीव विज्ञान के जनक कौन है? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे तथा हम इसके साथ आपको जीव विज्ञान से संबंधित रोचक तथ्य, विशेषताएं, प्रकार आदि जैसे अनेक बिंदुओं पर आपका ध्यान केंद्रित करेंगे।
जीव विज्ञान हमारे पाठ्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना शैक्षणिक संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर पाना लगभग कठिन साबित होगा, क्योंकि इस विज्ञान के बिना हम पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर वर्तमान समय तक इस बात की गणना नहीं कर पाएंगे, कि जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई है।
जैसा कि हम सब जानते हैं, हमारी पृथ्वी में जीवन संभव है। जीव विज्ञान को पहचान ने तथा उस पर आधारित पर्यावरणीय गतिविधियों को ध्यान में रखकर कई प्रकार के अध्ययन तथा शोध होते रहते हैं।
भारत में भी कई प्रकार के शोध होते हैं, जिसे जीव विज्ञान शोध कहते हैं। जीव विज्ञान एक ऐसा विषय है, जिस पर जीवन चक्र टीका हुआ है।
आज हम इस लेख में आपको Jeev Vigyan Ke Janak Kaun Hai और जीव विज्ञान के कई पहलुओं के बारे में आपको बताएँगे।
भारत में जीव विज्ञान की स्थिति तथा विश्व भर में आने वाले समय में जीव विज्ञान कितना विस्तृत हो पाएगा। यह लेख आपके लिए अत्यंत लाभकारी तथा जानकारी पूर्ण साबित होगा।
जीव विज्ञान का जनक कौन है ? Jeev Vigyan Ke Janak Kaun Hai
जीव विज्ञान के जनक का नाम अरस्तु है। लेख तथा रिसर्च यह बताती है, कि अरस्तू ने सबसे पहले जीव विज्ञान से संबंधित अध्ययन किया था।
उन्होंने पूरी दुनिया को जीव विज्ञान के बारे में बताया तथा इससे संबंधित कई दस्तावेज़ भी लिखें। जिनका आज भी इस्तेमाल किया जाता है।
वैसे तो पृथ्वी की उत्पत्ति के साथ ही कई प्रकार के जीव हमारे वायुमंडल तथा स्थल मंडल में पाए जाते हैं। जीव की उत्पत्ति इतनी पुरानी है, कि मनुष्य इसकी गणना करने में लगभग असमर्थ है।
जीव विज्ञान को समझने का बेहतर तरीका लोगों की खोज पर निर्भर करता है। जीव विज्ञान तथा अरस्तु का संबंध 1600 ईसा पूर्व से भी पुराना है।
अरस्तु को जीव विज्ञान का जनक क्यों कहा जाता है ?
अरस्तु को इसलिए जीव विज्ञान का जनक कहा जाता है, क्योंकि इन्होंने अपने अध्ययन तथा अनुसंधान कार्यों से लोगों को जीव विज्ञान के बारे में बताया।
इन्हें जंतु विज्ञान का भी जनक ( Father Of Zoology ) कहा जाता है। इसके साथ ही उन्होंने जंतुओं की रचना, स्वभाव, प्रजनन आदि जैसे प्रमुख बिंदुओं का वर्णन भी किया है।
इन्होंने जीव विज्ञान से संबंधित अनेकों कार्य किए हैं, जिनमें से प्रमुख जंतु विज्ञान तथा वनस्पति विज्ञान है।
जीव विज्ञान की परिभाषा क्या है ?
यह एक प्रकार का विज्ञान है, जिसके अंतर्गत जीवों का अध्ययन करते हैं, इसमें जीवों के स्वभाव, आचरण, निवास स्थल वैज्ञानिक प्रणाली, वर्गीकरण आदि का विस्तृत वर्णन किया जाता है।
यदि हम इसे सरल भाषा में कहें, तो यह एक प्रकार का विज्ञान है। जिसके अंतर्गत जीवों को समझने तथा अध्ययन करने की प्रक्रिया को जीव विज्ञान कहते हैं।
अरस्तु की किताब का नाम क्या है ?
अरस्तु की किताब का नाम Historia Animalium है। इन्होंने इस किताब में जंतुओं की रचना, जन्म, स्वभाव, वर्गीकरण आदि बिंदुओं का वर्णन किया है।
यह एक महत्वपूर्ण किताब है। अरस्तु एक दार्शनिक व्यक्ति थे, इन्होंने जंतुओं पर इस किताब को लिखा है, इसीलिए भी इन्हीं जीव विज्ञान का जनक कहते हैं।
जीव विज्ञान का इतिहास
ऊपर हमने आपको Jeev Vigyan Ke Janak Kaun Hai के बारे में बताया, अब जीव विज्ञान का इतिहास के बारे में जान लेते है।
वैसे तो जीव विज्ञान बहुत पुराना विषय है। इसकी शुरुआत अरस्तु के समय से हुई है, परंतु विस्तृत जानकारी 1665 में रॉबर्ट हुक ने उत्तक में कोशिका का वर्णन किया है।
इसके बाद 1683 में एंटोनी वान लीउवेनहुक ने सूक्ष्मदर्शी के माध्यम से जीवाणु की खोज की, उन्होंने बताया कि जीवाणु एक कोशिकीय जीव है।
इसके बाद 1858 में चार्ल्स डार्विन में स्वतंत्र रूप से विकासवाद का सिद्धांत दिया। इसके बाद 1935 में वेंडेल मेरेडिथ स्टेनली द्वारा विषाणु की खोज की गई।
1944 में ओसवाल्ड एवरी के बारे में बताया, कि वह अनुवांशिक सूचना का वाहक होता है। 1990 में मानव जीनोम परियोजना की शुरुआत हुई। इस तरह से जीव विज्ञान का इतिहास चलते आ रहा है।
जीव विज्ञान के प्रकार
जीव विज्ञान को मुख्य रूप से दो भागों में बाँटा गया है:-
1. जंतु विज्ञान
2. वनस्पति विज्ञान
1. जंतु विज्ञान :- जंतु विज्ञान जिसको अंग्रेजी में Zoology भी कहते हैं। Zoology शब्द ग्रीक भाषा का शब्द है। Zoology का अर्थ जंतु विज्ञान का अध्ययन करना है। इसके अंतर्गत हम छोटे या बड़े जंतुओं का अध्ययन करते हैं। जिनमें मुख्य रुप से वर्गीकरण, स्वभाव, प्रजनन आदि बिंदु पाए जाते हैं।
2. वनस्पति विज्ञान :- वनस्पति विज्ञान एक प्रकार का विज्ञान है। जिसमें हम पेड़-पौधों का अध्ययन करते हैं। इसमें हम पेड़ पौधों के गुण, रूप, आकार, वर्गीकरण आदि जैसे बिंदुओं को विस्तृत रूप से अध्ययन करते हैं।
थियोफ्रेस्टस को वनस्पति विज्ञान का जनक कहते हैं। इसके अंतर्गत पादपों की संरचना तथा विभिन्न जैविक क्रियाओं के बारे में भी अध्ययन किया जाता है।
जीवों की महत्वपूर्ण प्रक्रिया
पोषण :- जीवों को जीवित रहने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है। वह पेड़ पौधे तथा माँस से पोषण प्राप्त करते हैं।
श्वसन प्रणाली :- श्वसन प्रणाली में गैसों का परिवहन होता है, इसके माध्यम से जीव जिंदा रहते हैं।
संवेदनशीलता :- यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें जीवों को संवेदना या महसूस होना। जिससे वह अपनी सुरक्षा कर सके।
प्रजनन :- यह एक जीवों की महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। इसके अंतर्गत नर तथा मादा आपस में संबंध बनाकर अपनी संतान उत्पत्ति के लिए कार्य करते हैं।
प्रकाश संश्लेषण :- यह पौधों द्वारा होने वाली एक महत्वपूर्ण क्रिया है। जिसमें पौधे वातावरण से Carbon dioxide तथा सूर्य की रोशनी में अपना भोजन बनाते हैं। इससे ऑक्सीजन गैस निकलती है, जो हमारे लिए जीवन दाहिनी है।
जीव विज्ञान के रोचक तथ्य
ऊपर हमने आपको Jeev Vigyan Ke Janak Kaun Hai के बारे में बताया, अब जीव विज्ञान के रोचक तथ्य के बारे में जान लेते है।
- क्या आप जानते हैं, पेड़ पौधे के पत्नियों का रंग हरे होने का कारण पत्नियों में पाए जाने वाले Chlorophyll के वजह से होता है।
- पेड़ पौधे अपना भोजन स्वयं बनाते हैं वह केवल सूर्य की रोशनी तथा Carbon dioxide के मदद से अपना भोजन बना लेते हैं।
- Chlorophyll के केंद्र में Magnesium का अणु पाया जाता है।
- प्रकाश संश्लेषण की सबसे ज्यादा लाल रंग में होती है तथा बैगनी रंग में सबसे कम होती है।
- ऑक्सीन पेड़ों में पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण हार्मोन है। इसके माध्यम से पेड़ पौधों की वृद्धि होती है।
- एथलीन एकमात्र ऐसा हार्मोन है, जो Gas अवस्था में पाया जाता है, इसका उपयोग फलो को पकाने में भी किया जाता है।
- जीवन की उत्पत्ति के समय ऑक्सीजन नहीं थी।
- हमारे शरीर की हड्डियाँ कंक्रीट जैसे मजबूत होती है।
- बच्चों के दिल की धड़कन एक वयस्क व्यक्ति से ज्यादा तेज़ धड़कती है।
- हमारे शरीर के रक्त का लाल रंग Hemoglobin के वजह से होता है।
Conclusion :-
आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य Jeev Vigyan Ke Janak Kaun Hai के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस लेख को पढ़कर जीव विज्ञान से संबंधित ज्ञान बढ़ा सकें।