हमारे शरीर में कई तरह की ग्रंथियां पाई जाती है। जिसका अलग-अलग कार्य होता है।
उसी तरह हमारे शरीर के अंदर स्थित अग्नाशय तथा पाचक ग्रंथि के अंदर इंसुलिन नामक हार्मोन तैयार किया जाता है।
जिसका कार्य भोजन को ग्लूकोज के रूप में बदलना होता है। आज हम इंसुलिन के बारे में आपको बताएँगे तथा हम इस लेख के अंतर्गत आपको इंसुलिन की खोज किसने और कब की ? के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देंगे।
इसी के साथ साथ इंसुलिन के कार्य तथा महत्वपूर्ण बिंदुओं पर आपका ध्यान केंद्रित करेंगे। यह हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हार्मोन है। इसके बारे में हर किसी को जानकारी होनी चाहिए।
इंसुलिन की खोज किसने और कब की थी ? Insulin Ki Khoj Kisne Ki
इंसुलिन हमारे पाचक ग्रंथि में पाया जाता है तथा इसकी खोज सर फ्रेडरिक बैंटिंग ( Sir Frederick Grant Banting ) ने 1921 में की थी।
यह कनाडा के चिकित्सा वैज्ञानिक थे। इस खोज में सर फ्रेडरिक ग्रांट बैंटिंग के सहयोगी प्रोफेसर जेम्स रिकर्ड मैकलियोड ने भी इनका सहयोग किया था।
इंसुलिन की खोज कैसे हुई ?
18 वीं सदी में जब डायबिटीज़ के बारे में कोई नहीं जानता था, तब वैज्ञानिकों को ऐसा लगता था, कि यह अधिक मीठा खाने से होने वाली बीमारी है परंतु 1869 तक के समय पाल लैंगरहेन्स ने अग्नाशय में कुछ विशेष कोशिकाओं का पता लगाया।
इसके बाद 1889 में एक वैज्ञानिक ने इसका रास्ता दिखाया।
ऑस्कर मिन्स्की और जोसेफ वान मेरिंग नाम के वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया, कि अग्नाशय के बिना कुत्ता जिंदा रह सकता है या नहीं ?
एक दिन ऑस्कर मिन्स्की ने कुत्ते का अग्नाशय काटकर बाहर निकाल दिया। कुत्ता जिंदा रहा परंतु इसमें डायबिटीज़ के लक्षण दिखाई देने लगे थे।
यह कुत्ता वसा तथा प्रोटीन ठीक से पचा नहीं पा रहा था, तो इन वैज्ञानिकों को अग्नाशय में छुपे हुए रहस्य का पता चलने लगा।
जब 19 वीं शताब्दी के शुरुआत में सन 1901 युजिन ई॰ लिंडसे ने बताया, कि डायबिटीज़ के रोगियों की आइलेट आफ लैंगरहैंस की कोशिका में बदलाव आ जाता है।
इसी को आधार मानकर सन 1908 में बर्लिन के प्रसिद्ध वैज्ञानिक डॉ जार्ज लुडविक ज्यूलजर अग्नाशय का निचोड़ तैयार किया और इसे डायबिटीज़ के 8 मरीज़ों पर अजमा कर देखा, इससे रोगियों को काफी राहत मिलने लगी।
लेकिन इसका जहरीला असर भी देखने को आने लगा। इस तरह से यह कार्य भी सफल नहीं हो पाया।
इसके बाद सर एडवर्ड शापी लैटिन शब्द आईलैंड से इस रसायन का नाम इंसुलिन रखा गया।
1922 में इस पर पुनःकार्य किया गया और इसे शुद्ध करके इंसुलिन को निकाला गया और फिर से मधुमेह के रोगियों पर आज़माया गया, तो उन्हें काफी राहत मिली और वह धीरे-धीरे सुधरने लगे। इस तरह से यह एक जीवन रक्षक औषधि बन गई।
इंसुलिन क्या होता है ? Insulin Kya Hai
यह एक प्रकार का हार्मोन ,है जो रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद करता है।
यह मानव शरीर में पाए जाने वाला एक महत्वपूर्ण हार्मोन होता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में इसका संतुलन बिगड़ जाता है, तो उसे इस हार्मोन का इंजेक्शन दिया जाता है।
इंसुलिन के साइड इफेक्ट क्या है ? Side Effect Of Insulin
यदि हम इसका निरंतर इस्तेमाल करते रहे, तो इसके बहुत सारे साइड इफेक्ट है, जो कुछ इस प्रकार है:-
- वजन बढ़ना
- तनाव में रहना
- खुजली तथा सूजन हो जाना
- रक्त का थक्का जमना
- रक्त में शर्करा की मात्रा बहुत कम हो जाना
- चक्कर आना
- बोलने में परेशानी होना
- थकान लगना
- त्वचा में पीलापन आ जाना
- अधिक पसीना आना
- माँसपेशियों में तनाव आ जाना
- दिल की धड़कन तेज हो जाना
- ज्यादा भूख लग जाना
इंसुलिन के प्रकार Types Of Insulin
इंसुलिन को मुख्य रूप से 5 भागों में बांटा गया है जो इस प्रकार है:-
- Rapid Active Insulin
- Short Acting Insulin
- Intermediate Acting Insulin
- Long-Acting Insulin
- Ultra‐long acting insulin
शरीर में इंसुलिन की कमी को कैसे पूरा करें ?
यदि आप डायबिटीज़ के रोगी है, तो इस बात को जानना अत्यंत आवश्यक है, कि इंसुलिन की कमी को कैसे दूर करें। इसके लिए आपको रोज़ाना व्यायाम करना होगा। इससे इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने में मदद करता है।
इसके साथ ही आपको पर्याप्त मात्रा में नींद लेनी होगी।
आपको शकरकंद भरपूर मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि इसमें विटामिन ए पाया जाता है।
इसके साथ ही आप रोज़ाना फल तथा ताजी सब्ज़ियाँ खाए, ताकि आपके शरीर में खून का प्रवाह संतुलित रूप से चलते रहे।
क्या खाने से डायबिटीज़ की बीमारी बढ़ती है ?
यदि कोई डायबिटीज़ का मरीज़ है, तो उसे चिप्स, जंक फूड, ज्यादा शक्कर से बनी हुई वस्तुएँ नहीं खाना चाहिए। उन्हें आलू के सेवन से बचना चाहिए।
Conclusion :-
आशा करता हूं, मेरे द्वारा दी गई जानकारी से आप संतुष्ट होंगे। इस लेख का उद्देश्य Insulin Ki Khoj Kisne Ki OR इंसुलिन के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करना है।
हमने इस लेख में आपको इंसुलिन की खोज कब और किसने की तथा अन्य जानकारियां भी प्रदान की है, यह लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक तथा महत्वपूर्ण है।