गुरु नानक का जन्म कहां हुआ था ?
1 min readआज की इस लेख के मदद से हम गुरु नानक का जन्म कहां हुआ था ? के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं।
आपने कभी ना कभी तो गुरु नानक जी का नाम अवश्य सुना होगा। मगर क्या आपको मालूम है, कि गुरु नानक जी कौन थे और यह किस जाति से Belong करते थे, अगर आपका जवाब ना है, तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहिए।
क्योंकि इस लेख में हम ने गुरु नानक से जुड़ी सभी जानकारी दे रखी है, तो चलिए शुरू करते हैं।
Guru Nanak Ka Janm Kahan Hua Tha | गुरु नानक का जन्म कहां हुआ था ?
गुरु नानक जी का जन्म रावी नदी के तट पर बसे एक छोटे से गांव जिसका नाम तलवंडी था, वही पर हुआ था। गुरु नानक जी का जन्म खत्री कुल में हुआ था और तलवंडी नामक गाँव पाकिस्तान में स्थित है।
हम आपके जानकारी के लिए बता दे, कि इनके जन्म तिथि अभी तक इतिहास में कंठस्ट रूप से दर्शाया ही नहीं है। यही वजह है, कि गुरु नानक जी की जन्म तिथि को इतिहासकारों का मत भेद माना गया है।
कुछ इतिहासकारों और इनके बारे में लिखने वाले लोगो का मानना है, 15 अप्रैल 1470 वे वर्ष में इनका जन्म हुआ था। मगर यह एक तुक्का है और आपको जानकर के हैरानी होगा, कि इसी तुक्का के आधार पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन इनका जन्मदिन काफी धूमधाम के साथ मनाया जाती है। कार्तिक पूर्णिमा 15 अप्रैल के ठीक 15 दिन बाद आता है।
गुरु नानक जी कौन है ?
गुरु नानक जी सिख धर्म के प्रथम गुरु थे। सिख धर्म के लोग इन्हें भगवान के रूप में मानते हैं और इन्हें भगवान का दर्जा भी दिया गया है और इनका एक महत्वपूर्ण और विशाल पर्व है।
जिसे गुरु नानक जयंती के रूप में भी जाना जाता है। इसे सिख धर्म के लोग काफी उत्साह पूर्वक मनाते हैं।
कुछ इतिहासकारों के हिसाब से ऐसा माना जाता है, कि गुरु नानक जी घूम घूम कर अलग अलग स्थानों पर उपदेश दिया करते थे।
गुरु नानक जी का एक यात्रा चक्र था, जो तकरीबन 1521 में पूरा हुआ था और गुरु नानक जी के यात्राचक्र में अफगानिस्तान, भारत, फारस, और अरब, जैसे कई बड़े बड़े देश शामिल थे।
ऐसा भी माना जाता है, कि गुरु नानक देव जी मूर्तिपूजा के खिलाफ थे।
ऐसा भी माना जाता है, कि गुरु नानक जी हमेशा से ही रूढ़ियों और कुसंस्कारों का विरोध करते थे। गुरु नानक देव जी एक प्रमुख कहावत था, कि ईश्वर हमारे अंदर है।
इतिहास में ऐसा भी लिखा गया है, कि गुरु नानक जी को इब्राहीम लोदी ने कैद करके बंधी बना लिया था। फिर जब पानीपत की लड़ाई हुई तो उसमें इब्राहीम लोदी बुरी तरह से हार गए, तब मुगल साम्राज्य के योद्धा बाबर की जीत हुई। फिर बाबर ने गुरु नानक जी को कैद से मुक्त किया।
गुरु नानक जी का जीवन परिचय Biography of Guru Nanak Ji in Hindi
ऊपर हमने जाना, कि Guru Nanak Ka Janm Kahan Hua Tha और यह भी जाना, कि गुरु नानक जी कौन थे अब हम गुरु नानक जी की जीवनी के बारे में जानते है, तो चलिए शुरू करते हैं ।
ऐसा माना जाता है, कि गुरु नानक जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 वे वर्ष में हुआ था, गुरु नानक जी का बचपन का नाम और उप नाम बाबा नानक था।
इनका जन्म रावी नदी के तट पर बसे एक छोटे से गांव जिसका नाम तलवंडी था, वही पर हुआ था।
अगर हम गुरु नानक जी के निजी जीवन के बारे में बात करे, तो इनके पिता जी का नाम मेहता कालूचन्द खत्री था और इनके माता जी का नाम तृप्ता देवी था। ऐसा माना जाता है, कि गुरु नानक जी की शादी 16 वर्ष में ही हो गयी थी और इनके पत्नी का नाम सुलखनी देवी था।
गुरु नानक जी का दो पुत्र थे, जिनके नाम श्री श्रीचन्द और लखमीदास था। गुरु नानक जी का जीवन काल लगभग 70 वर्ष का था। फिर इसी तरह से जीवन व्यतीत करने के बाद गुरु नानक जी की मृत्यु 22 सितंबर 1539 वर्ष को हुई थी।
गुरु नानक की प्रमुख 15 रचनाएँ
गुरु नानक जी एक अच्छे व्यक्ति होने के साथ-साथ एक लेखक भी थे और उन्होंने अपने जीवन काल में कई सारे महत्वपूर्ण रचनाएं भी दी, जिनका उपयोग आज भी स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के लिए किया जाता है, तो हमने उनके सभी रचनाओं को नीचे लिखा है।
- जपु जी
- प्रभु मेरे प्रीतम प्रान पियारे
- झूठी देखी प्रीत
- सब कछु जीवित कौ ब्यौहार
- जो नर दुख में दुख नहिं मानै
- राम सुमिर, राम सुमिर
- हौं कुरबाने जाउँ पियारे
- सूरा एक न आँखिए
- काहे रे बन खोजन जाई
- को काहू को भाई
- जो नर दुख में दुख नहिं माने
- अब मैं कौन उपाय करूँ
- यह मन नेक न कह्यौ करे
- या जग मित न देख्यो कोई
- मुरसिद मेरा मरहमी
Conclusion, निष्कर्ष
उम्मीद करता हूं, कि आपको मेरा यह आर्टिकल ( Guru Nanak Ka Janm Kahan Hua Tha ) बेहद पसंद आया होगा और आप इस आर्टिकल की मदद से गुरु नानक जी के जन्म स्थान के बारे में जान चुके होंगे।
हमने इस लेख में आसान से आसान भाषा का उपयोग करके आप को गुरु नानक से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है।