फिटकरी का रासायनिक सूत्र क्या है? प्रकार और फायदे
1 min readफिटकरी (Fitkari) क्या है?
Fitkari ka sutra: फिटकरी एक प्रकार का क्रिस्टलीय रासायनिक पदार्थ होता है, यह रंगहीन होता है. इसे अंग्रेजी में पोटाश एलम या केवल एलम (Alum) के नाम से जाना जाता है. फिटकरी का रासायनिक नाम ‘पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट’ होता है. यह एल्युमीनियम और पोटाशियम के डबल सल्फेट के साथ पानी के क्रिस्टलीकरण से प्राप्त होता है. बहुत पहले समय से ही मनुष्य फिटकरी के रासयनिक और चिकत्सकीय गुणों का उपयोग करता रहा है.
फिटकरी का रासायनिक सूत्र एवं नाम क्या है? Fitkari ka sutra
Fitkari (Alum) Chemical Formula and Name: फिटकरी का रासायनिक नाम ‘पोटेशियम एल्युमिनियम सल्फेट’ होता है.
फिटकरी का रासायनिक सूत्र (Chemical Formula): (KAl(SO4)2.12H2O) इस फ़ॉर्मूले को कभी-कभी (K2SO4)(AL2SO4).12H2O भी लिखा जाता है.
इस रासायनिक सूत्र से पता चलता है कि फिटकरी या पोटेशियम एलम का पोटेशियम सल्फेट और अलमुनियम सल्फेट का द्विलवण है. Alum एक मिश्रण है जिसका रासायनिक फोर्मुला (AB(SO4)2.12H2O) होता है, यहाँ A और B पोटेशियम और अलमुनियम की जगह पर दूसरे अन्य रासायनिक पदार्थ भी हो सकते हैं.
पोटेशियम और अलमुनियम की जगह पर दूसरे अन्य रासायनिक पदार्थों का उपयोग करके भी एलम बनाया जाता है जैसे अलमुनियम के स्थान पर क्रोमियम यूज़ करने पर क्रोम एलम का निर्माण होता है. पोटेशियम के स्थान पर लिथियम, सोडियम, अमोनियम, रूबीडीयम, सीज़ियम, टेल्यूरियम का प्रयोग किया जा सकता है. अलमुनियम को भी मैंगनीज, इरीडियम, क्रोमियम (क्रोम ऐलम), लोहा, गैलियम, वैनेडियम, कोबल्ट इत्यादि से विस्थापित किया जा सकता है.
फिटकरी के प्रकार
ऊपर बताए गए रासायनिक और धातुई तत्वों की सहायता से कई प्रकार के एलम बनाए जा सकते हैं. यहाँ हम आपको तीन सर्वाधिक प्रचलित और काम में आने वाले फिटकरी के प्रकार बता रहे हैं.
- पोटैशियम एलम : पोटेशियम एलम के बारे में ऊपर पहले ही बताया जा चुका है. यह एक रंगहीन क्रिस्टल पदार्थ होता है. फिटकरी का यह प्रारूप घरेलू और चिकित्सीय कामों के लिए प्रचुर मात्रा में उपयोग में लाया जाता है. घरों में पायी जाने वाली फिटकरी दरअसल पोटेशियम एलम ही होता है.
- अमोनियम एलम : जब अलमुनियम के स्थान पर अमोनियम का यूज़ किया जाता है तो अमोनियम एलम का निर्माण होता है. यह एक सफ़ेद रंग का क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ होता है. इसका इस्तेमाल ज्यादातर ब्यूटी प्रोडक्ट और पर्सनल केयर के प्रोडक्ट बनाने में किया जाता है.
- क्रोम एलम: इस फिटकरी को बनाने के लिए अलमुनियम की जगह क्रोमियम का यूज़ किया जाता है. इसे क्रोमियम पोटेशियम सल्फेट के नाम से जाना जाता है. इस फिटकरी का उपयोग इंडस्ट्रियल कामों में किया जाता है. चमड़ा उधोग में क्रोमा एलम का बहुतायत से उपयोग किया जाता है.
फिटकरी का उपयोग
- फिटकरी का उपयोग लगभग 1500 वी शताब्दी के समय से ही चिकत्सकीय और सौंदर्य प्रसाधन बनाने में किया जाता रहा है.
- फिटकरी की अम्लीय विशेषताओं के कारण इसका उपयोग बेकिंग सोडा पाउडर बनाने में भी किया जाता है.
- फिटकरी का उपयोग अनेक औधोगिक कामों जैसे कि चमड़ा निर्माण, बच्चों के खोलौने बनाने इत्यादि में भी किया जाता है.
फिटकरी के मानव शरीर के लिए उपयोग और फायदे
- फिटकरी के अम्लीय गुणों की वजह से इसका इस्तेमाल शरीर की दुर्गन्ध दूर करने के लिए किया जाता है.
- फिटकरी की सहायता से खून का थक्का बहुत तेजी से जमता है. इसलिए फिटकरी का उपयोग चोट लगने के बाद खून रोकने में किया जाता है.
- फिटकरी को एंटी जर्म के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. शेविंग करने के बाद एंटी सेप्टिक के तौर पर चहरे पर लगाने से इचिंग और जलन से राहत मिलती है.
- फिटकरी के नियमित इस्तेमाल करने से चेहरे पर पिम्पल्स और मुहासों को कम करने में भी सहायता मिलाती है.
इस पोस्ट में हमने आपको फिटकरी (Fitkari) जिसे इंग्लिश में Poteshium Alum या फिर Alum भी कहा जाता है के बारे में पूरी जानकारी दी है. इस पोस्ट में आपको फिटकरी क्या है (Fitkari kya hai)? फिटकरी का सूत्र क्या है (Fitkari ka sutra kya hai)? फिटकरी के प्रकार और फिटकरी के फायदे जैसे सवालों के जबाब मिल गए होंगे.