सौर-मंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य का सबसे नज़दीकी बुध पृथ्वी से दिखाई देने वाले ग्रहों में से एक है. सूर्य के अत्यधिक नज़दीक होने के कारण बुध ग्रह के बारे में जानकारी जुटाना हमेशा मुश्किल रहा है.
इस पोस्ट में आप बुध ग्रह की खगोलीय स्थिति, भौतिकी विशेषताएँ, संरचनाओं इत्यादि के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करेंगे.
बुध ग्रह की खगोलीय एवं कक्षीय स्थिति Space and Orbitary Profile of Mercury
बुध ग्रह की सूर्य से दूरी: औसतन 5 करोड़ 76 लाख किलोमीटर. बुध ग्रह अपनी कक्षा में सूर्य से अधिकतम 69,816,900 किलोमीटर और न्यूनतम 46,001,200 किलोमीटर की दूरी पर यात्रा करता है.
पृथ्वी से दूरी: औसत दूरी 230.71 मिलियन किलोमीटर.
सूर्य की परिक्रमा में लगने वाला समय : बुध (Mercury), सूर्य के चारों तरफ एक चक्कर 88 (पृथ्वी के अनुसार) दिनों में लगाता है. यह सूर्य के चारों तरफ 47.87 km/s की स्पीड से परिक्रमा करता है.
अपनी कक्षा में एक चक्कर लगाने का समय: बुध एक बहुत ही धीमा ग्रह है. यह अपनी धुरी पर एक चक्कर 59 पृथ्वी दिवसों के बराबर समय में लगाता है. इसका मतलब है कि Mercury पर एक दिन, पृथ्वी के 59 दिनों के बराबर होता है.
बुध ग्रह का अपना कोई प्राकृतिक चंद्रमा या सॅटॅलाइट नहीं है.
बुध ग्रह की भौतिकीय एवं संरचनात्मक विशेषताएँ (Physical and Structural Profile of Mercury in Hindi)
- व्यास एवं त्रिज्या: बुध ग्रह का औसत व्यास 4880 किलोमीटर है और इसकी औसत त्रिज्या 2,439.7±1.0 km है. क्षेत्रफल : 7.48×107 वर्ग कि.मी
- आयतन (Volume): 6.083×1010 कि.मी3
- द्रव्यमान (Mass): 3.3022×1023 कि.ग्रा
- घनत्व (Density): 5.427 ग्रा/सें.मी3
तापमान : सूर्य से नज़दीकी के कारण इसका तापमान बहुत ज्यादा है. बुध ग्रह पर तापमान 480’C – 170’C के बीच रहता है. बहुत ही पतला और नगण्य के बराबर वायुमंडल होने के कारण रात के समय और ध्रुवीय क्षेत्रों पर इसका तापमान -170’C तक चला जाता है. बुध ग्रह के ध्रुवीय क्षेत्रों पर ठोस रूप में पानी की उपस्थिति के सबूत भी मिले हैं.
बुध ग्रह का गुरुत्वाकर्षण: बुध का गुरुत्वाकर्षण बहुत कमजोर है और यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल का केवल 38% है. इसे सरल भाषा में समझें तो अगर आपका वजन पृथ्वी पर 100 किलो है तो बुध पर आपका वजन केवल 38 किलो होगा.
बुध ग्रह की सतह एवं वायुमंडलीय संरचना |
पृथ्वी, शुक्र और मंगल की तरह ही बुध एक कठोर सतह वाला ग्रह है. बुध ग्रह की सतह अलग-अलग तरह की चट्टानों से मिलकर बनी है. इसकी सतह पर बड़े-बड़े गड्डे और क्रेटर हैं, जो शायद उल्का-पिंडों (Asteroids) के टकराव की वजह से बन गए हैं. इन गद्दों में से कई तो बहुत बड़े और लम्बे हैं, जिनकी लम्बाई सैकड़ों किलोमीटर और गहराई 3 Km से भी ज्यादा हैं.
नीचे दिए गये चित्र में बुध ग्रह की आतंरिक संरचना दिखाई गई है. बुध ग्रह का आतंरिक भाग सिलिकेट और मेटल से बना हुआ है. इसके आतंरिक भाग को तीन पार्ट में बाँटा जा सकता है. सबसे अन्दर का भाग कोर (कोर), बीच का भाग mantle और भाहरी भाग को crust कहते हैं. वैज्ञानिकों द्वारा किये गये रिसर्च से पता लगाया है कि बुध ग्रह के सबसे केन्द्रीय भाग कोर का व्यास लगभग 3600-3800 किलोमीटर है तथा मध्य परत जिसे मेंटले कहा जाता है, उसकी मोटाई 600 किमी० है. बुध की सबसे ऊपरी परत क्रस्ट की मोटाई केवल 100 किमी० के बराबर है.
बुध, पृथ्वी के बाद सौर-मंडल का सबसे ठोस और कठोर ग्रह है. इसका घनत्व 5.427 g/cm³ है जो कि पृथ्वी से थोड़ा सा ही कम है. बुध ग्रह, पृथ्वी से आकार में लगभग 26 गुना छोटा है फिर भी इसका घनत्व पृथ्वी के लगभग बराबर है. इसके कई कारण है जैसे कि बुध का केन्द्रीय कोर उसके ऊपरी भाग की तुलना में काफी मोटा और मजबूत है. बुध ग्रह की कोर उच्च वर्गीय मेटलिक/धातुई पदार्थ की बनी है.
पृथ्वी की तरह ही बुध भी एक टेक्टोनिक प्लेट्स वाला ग्रह है और रिसर्च से पता चला है कि बुध की सतह के अंदर की परतें अपनी जगह बदलती रहती हैं.
वायुमंडल:
सूर्य के अत्यधिक नज़दीक होने के वजह से बुध ग्रह का वायुमंडल बहुत कमजोर है, साथ ही अत्यधिक गर्म होने के कारण यह वायुमंडल स्थाई नहीं रह पाता है और इसके कण उड़कर अंतरिक्ष में चला जाते हैं.
बुध ग्रह का वायुमंडल निम्न घटकों से मिलकर बना है:
- 42% ऑक्सीजन
- 29% सोडियम
- 22% हाइड्रोजन
- 6% हीलियम
- 0.5% पोटैशियम अन्य तत्व जैसे नाइट्रोजन, कार्बन डाई ऑक्साइड, नीयोन, वाष्प इत्यादि.
अगर इसमें ऑक्सीजन देखकर आप बुध ग्रह पर जीवन की संभावनाओं के बारे में सोच रहे हैं तो यह असंभव है. बुध पर वायुमंडल बहुत ही क्षीण है और सूर्य से आने वाले रेडिएशन की मात्रा बहुत ज्यादा है, जो इस ग्रह पर जीवन की संभावनाओं को पूरी तरह से ख़त्म कर देती है.
बुध ग्रह का एतिहासिक और पौराणिक सम्बन्ध:
- बुध ग्रह चूंकि पृथ्वी से दिखाई पड़ता है इसलिए इसके बारे में बहुत पहले समय से ही लोगों को पता था. लगभग 5000 ईसा पूर्व से लोग बुध ग्रह के बारे में जानते थे. रोमन कथाओं में इसे व्यापार और यात्रा का ग्रह माना जाता था. इसके अंतरिक्ष में बहुत तेजी से चक्कर लगाने की वजह से ग्रीक मिथकों में इसे संदेश-वाहक देवता के रूप में भी जाना जाता था.
- इसे सूर्यास्त और सूर्योदय का तारा भी कहा जाता था क्योंकि यह केवल सुबह और शाम के वक़्त ही दिखाई देता था.
- ग्रीक और यूनानी खगोल-शास्त्री जानते थे कि इन दो नामों वाला तारा दरअसल एक ही है. वह यह भी जानते थे कि शुक्र और बुध सूर्य के चारों और चक्कर लगाते हैं नाकि पृथ्वी के चारों और.
बुध ग्रह से संबंधित अंतरिक्ष मिशन:
आधुनिक अंतरिक्ष विज्ञानी हमेशा ही बुध के बारे में जानने के लिए प्रयासरत रहे हैं. सूर्य के बहुत नज़दीक होने और उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव में आने के कारण बुध ग्रह के लिए किसी भी प्रकार का अंतरिक्ष यान भेजना हमेशा ही मुश्किल रहा है.
बुध की कक्षा में पहुचने वाला पहला मानव निर्मित स्पेसक्राफ्ट Mariner 10 था. Mariner-10 सन 1974 और 1975 में दो बार बुध के चक्कर लगाए. Mariner-10 ने बुध ग्रह की हाई रेसोल्यूशन तस्वीरें खींचकर पृथ्वी पर भजी.
सन 2008 में NASA ने अपना दूसरा बुध मिशन Messenger लाँच किया जिसे बुध की सतह से केवल 200 किमी० दूरी पर कक्षा में स्थापित किया गया. मैसेंजर मिशन की सहायता से बुध का नक्शा बनाने और उसके वायुमंडल के अध्ययन में सफलता प्राप्त हुई.
सन 2018 में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) और जापान स्पेस एजेंसी (JAXA) ने बुध ग्रह के लिए अपना अंतरिक्ष मिशन BepiColombo लाँच किया था. यह स्पेस-क्राफ्ट सन 2025 तक बुध पर पहुँचेगा.
बुध ग्रह से जुड़े अन्य रोचक तथ्य:
- बुध की सतह से सूर्य को देखने पर वह पृथ्वी से देखने की तुलना में तीन गुना बड़ा दिखता है.
- बुध सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह है. इससे पहले प्लूटो (Pluto) ही बुध से छोटा था, लेकिन अब प्लूटो को ग्रहों की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है. बुध आकार में शनि के चंद्रमा टाइटन और बृहस्पति के उपग्रह Genymede से भी छोटा है.
- Mercury का नाम रोमन पौराणिक कथाओं के एक देवता के नाम पर रखा गया है लेकिन इसकी शुरुआत कब हुई इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.
- बुध का परिक्रमा पथ सौर मंडल में सबसे ज्यादा अंडाकार है. परिक्रमा मार्ग में में बुध की सूर्य से अधिकतम और न्यूनतम दूरी का अनुपात भी अन्य ग्रहों की तुलना में सबसे ज्यादा है.
बुध ग्रह से संबंधित अन्य किसी भी जानकारी के लिए आप कमेन्ट सेक्शन में कमेन्ट करके पूछ सकते हैं. इस जानकारी को हमने यथासंभव त्रुटि रहित रखने का प्रयास किया है