Jain Dharm Ke 24 Tirthankar Kaun the :- आज के इस लेख की मदद से हम जैन धर्म के 24 तीर्थंकर कौन थे, के बारे में जानने वाले हैं।
दोस्तों, जैन धर्म के तीर्थंकर तो पूरे दुनिया में फेमस है। मगर क्या आपको मालूम है, कि जैन धर्म में कितने तीर्थंकर हैं और उन सभी तीर्थंकरों का नाम क्या है ?
अगर आप का जवाब ना है, तो आप हमारे इस लेख के साथ अंत तक बने रहे, क्योंकि इस लेख में हमने इसी पर विचार विमर्श किया है, तो चलिए शुरू करते हैं।
Jain Dharm Ke 24 Tirthankar Kaun the जैन धर्म के 24 तीर्थंकर कौन थे ?
आपको यह तो मालूम होगा, कि जैन धर्म में 24 तीर्थंकर है और जैन धर्म के 24 तीर्थंकर का नाम हमने नीचे में स्टेप बाय स्टेप करके लिखा है और उनके बारे में भी बता रखा है, तो आप उन्हें ध्यान से पढ़े और समझे।
- ऋषभ देव ( Rishav Dev )
- अजीतनाथजी ( Ajit Nath ji )
- संभव नाथ जी ( Sambhavnath ji )
- अभिनंदन जी ( Abhinandan Nath ji )
- सुमित नाथ जी ( Sumit Nath ji )
- पदम प्रभु जी ( padam Prabhu ji )
- सुपार्श्वनाथ ( superSuva Nath ji )
- चंद्रप्रभु जी ( Chandra Prabhu ji )
- पुष्प दंत ( pushpadant )
- शीतल नाथ ( Sheetal Nath )
- श्रेयांसनाथ जी ( Shreya Sanath ji )
- वासुपूज्य जी ( Vasu Pujya ji )
- विमलनाथ जी ( Vimal Nath ji )
- अनंतनाथ जी ( Anantnath ji )
- धर्मनाथ जी ( dharmnath ji )
- शांतिनाथ जी ( shantinath ji )
- कुंथुनाथ जी ( kanthu Nath ji )
- अरहनाथ जी ( Amarnath ji )
- मल्लीनाथ जी ( Mili Nath ji )
- मुनी सुव्रतनाथ जी ( Munni suprabhat Nath ji )
- अमी नाथ जी ( aminath ji )
- नेमिनाथ जी ( Nemi Nath ji )
- पाश्चर्व नाथ जी ( parshrwa Nath ji )
- महावीर जी ( Mahaveer ji )
जैन धर्म के 24 तीर्थंकर के बारे में :
हमने ऊपर में जैन धर्म के 24 तीर्थंकर के नाम जाना अब हम इस टॉपिक में उन्ही 24 तीर्थंकरों के बारे में जानने वाले हैं, तो चलिए शुरू करते हैं इस टॉपिक को।
Jain Dharm Ke 24 Tirthankar Kaun the :
1. ऋषभ देव ( Rishav Dev )
ऋषभ देव जी का जन्म नगरी अयोध्या को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र उत्तराषाढ़ा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम मरु देवी था और इनके पिता जी का नाम नाभिराजा था ।
इनका चिन्ह बैल है और इनका वैराग्य वृक्ष वट व्रिक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
2. अजीतनाथजी ( Ajit Nath ji )
अजीतनाथजी का जन्म नगरी अयोध्या को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र रोहाणी है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम विजया था और इनके पिता जी का नाम जितशत्रु था ।
इनका चिन्ह हाथी है और इनका वैराग्य वृक्ष ” सर्पपर्ण वृक्ष” है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
3. संभव नाथ जी ( Sambhavnath ji )
संभव नाथ जी का जन्म नगरी श्रावस्ती को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम सेना था और इनके पिता जी का नाम जितारी था ।
इनका चिन्ह घोड़ा है और इनका वैराग्य वृक्ष शाल वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
4. अभिनंदन जी ( Abhinandan Nath ji )
अभिनंदन जी का जन्म नगरी अयोध्या को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र पुनर्वसु है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम सिद्धार्था था और इनके पिता जी का नाम संवर था।
इनका चिन्ह बन्दर है और इनका वैराग्य वृक्ष संवर देवदार वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
5. सुमित नाथ जी ( Sumit Nath ji )
सुमित नाथ जी का जन्म नगरी अयोध्या को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र मद्या है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम सुमंगला था और इनके पिता जी का नाम मेधप्रय था।
इनका चिन्ह चकवा है और इनका वैराग्य वृक्ष प्रियंगु वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
6. पदम प्रभु जी ( Padam Prabhu ji )
पदम प्रभु जी का जन्म नगरी कौशाम्बीपुरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र चित्रा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम सुसीमा था और इनके पिता जी का नाम धरण था।
इनका चिन्ह कमल था और इनका वैराग्य वृक्ष प्रियंगु वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
7. सुपार्श्वनाथ ( Super Suva Nath ji )
सुपार्श्वनाथ जी का जन्म नगरी काशीनगरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र विशाखा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम पृथ्वी था और इनके पिता जी का नाम सुप्रतिष्ठ था ।
इनका चिन्ह साथिया था और इनका वैराग्य वृक्ष शिरीष वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
8. चंद्रप्रभु जी ( Chandra Prabhu ji )
चंद्रप्रभु जी का जन्म नगरी चंद्रपुरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र अनुराधा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम लक्ष्मण था और इनके पिता जी का नाम महासेन था।
इनका चिन्ह चन्द्रमा था और इनका वैराग्य वृक्ष नाग वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
9. पुष्प दंत ( Pushpadant )
पुष्प दंत का जन्म नगरी पुष्पा पूरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र चित्रा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम अज्ञात था और इनके पिता जी का नाम मनमोहन दास था।
इनका चिन्ह पुष्प था और इनका वैराग्य वृक्ष फूल है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
10. शीतल नाथ ( Sheetal Nath )
शीतल नाथ जी का जन्म नगरी भद्रिकापुरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम सुनन्दा था और इनके पिता जी का नाम दृढ़रथ दास था।
इनका चिन्ह प्लक्ष वृक्ष था और इनका वैराग्य वृक्ष कल्प वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
11. श्रेयांसनाथ जी ( Shreya Sanath ji )
शीतल नाथ जी का जन्म नगरी सिंह पुरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र वण है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम विष्णु था और इनके पिता जी का नाम विष्णुराज था।
इनका चिन्ह गेंडा था और इनका वैराग्य वृक्ष तेंदुका वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
12. वासुपूज्य जी ( Vasu Pujya ji )
वासुपूज्य जी का जन्म नगरी चम्पापुरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र शतभिषा है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम जपा था और इनके पिता जी का नाम वासुपूज्य था।
इनका चिन्ह भैसा था और इनका वैराग्य वृक्ष पाटला वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
13. विमलनाथ जी ( Vimal Nath ji )
विमलनाथ जी का जन्म नगरी काम्पिल्य को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र उत्तराभाद्रपद है, अगर हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम शमी था और इनके पिता जी का नाम कृतवर्मा था।
इनका चिन्ह शूकर था और इनका वैराग्य वृक्ष जम्बू वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
14. अनंतनाथ जी ( Anantnath ji )
अनंतनाथ जी का जन्म नगरी विनीता को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र रेवती है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम सूर्वशया था और इनके पिता जी का नाम सिंह सेन था ।
इनका चिन्ह सेही था और इनका वैराग्य वृक्ष पीपल वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
15. धर्मनाथ जी ( Dharmnath ji )
धर्मनाथ जी का जन्म नगरी रत्नपुरी को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र पुष्य है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम सुव्रता था और इनके पिता जी का नाम भानुराजा था।
इनका चिन्ह वज्रदण्ड था और इनका वैराग्य वृक्ष दधिपर्ण वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
16. शांतिनाथ जी ( Shantinath ji )
शांतिनाथ जी का जन्म नगरी हस्तिनापुर को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र भरणी है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम ऐराणी था और इनके पिता जी का नाम विश्वसेन था।
इनका चिन्ह हिरण था और इनका वैराग्य वृक्ष नन्द वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
जैन धर्म के 24 तीर्थंकरो में ( 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, ) नम्बर पर आने वाले तीर्थंकर उपवेद में आते है।
24. महावीर जी (Mahaveer ji) के बारे मे
महावीर जी का जन्म नगरी कुंडलपुर को माना जाता है, और इनका जन्म नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी है, अगर, हम इनके निजी जीवन के बारे में बात करे तो इनके माता जी का नाम त्रिशाला ( प्रियकारिणी ) था और इनके पिता जी का नाम विश्वसेन था।
इनका चिन्ह सिंह था और इनका वैराग्य वृक्ष सिद्धार्थसाल वृक्ष है और ये जैन धर्म के 24 तीर्थंकर में से एक है।
अंतिम शब्द :
उम्मीद करता हूं, कि आप को मेरा यह लेख बेहद पसंद आया होगा और आप इस लेख के मदद से Jain Dharm Ke 24 Tirthankar Kaun the, के बारे में जानकारी प्राप्त कर चुके होंगे।
हमने इस लेख में सरल से सरल भाषा का उपयोग करके आपको जैन धर्म के 24 तीर्थंकर कौन थे, के बारे में बताया है।