DNA की खोज किसने और कब की ?

DNA की खोज किसने और कब की ?

आज हम जानेंगे, कि DNA की खोज किसने की ? DNA हमारे शरीर का वह तत्व है, जिसके कारण हमारा शरीर काम कर पाता है, जो इसे करने चाहिए।

हमारे शरीर में उपस्थिति DNA एक ऐसी सामग्री है, जिसे रासायनिक रूप से खोजा जा सकता है, और रासायनिक रूप से ही खोजा गया है।

हमारे पूर्वजों के शरीर की संरचना को हमारे अंदर Transfer करना तथा हमारे शरीर की संरचना को हमारे आने वाली पीढ़ियों में Transfer करना, यह भी DNA का एक बहुत महत्वपूर्ण काम होता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं, कि DNA Kya Hota Hai ? और DNA Ki Khoj Kisne Ki ?

यदि आप नहीं जानते तो कोई बात नहीं, आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे, कि DNA Ki Khoj Kisne Ki ?

DNA हमारे शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण तत्व है, और इसीलिए हम सभी को इसके बारे में पता होना चाहिए, तो चलिए शुरू करते हैं।

DNA Ki Khoj Kisne Ki ?

DNA की खोज एक स्विस केमिस्ट Friedrich Miescher ने की थी और उनकी रिसर्च को Phoebus Levene और Erwin Chargaff ने आगे बढ़ाया, जिसमें उन्होंने DNA के मॉलिक्यूल के अंदर उपस्थित Chemical Components के बारे में पता लगाया।

लेकिन बहुत लोगों का मानना है, कि अमेरिकन बायोलॉजिस्ट James Watson तथा इंग्लिश फिजिसिस्ट Francis Crick ने सन 1950 में DNA की खोज की है, जो की बिलकुल गलत है।

DNA का molecule एक Three Dimensional Double Helix के रूप म हमारे शरीर में उपस्थित होता है।

DNA Kya Hota Hai ? DNA क्या होता है ?

जिस प्रकार मानव जीव विज्ञान ने तरक्की करी है, उसके अनुसार हमने बीसवीं शताब्दी से पहले तक, इस बात का पता लगा लिया था, कि हमारी समझ, हमारे काम करने के तरीके, और हमारी ऊर्जा के पीछे हमारे Genes का सबसे बड़ा हाथ होता है।

हमारे Genes यह निर्धारित करते हैं, कि हमारी ऊंचाई क्या होगी, हमारा रंग क्या होगा, हमारी आंखों का रंग क्या होगा, हमारे बाल कैसे होंगे, हमारी हड्डियां कैसी होंगी।

एक तरीके से हमारे Genes हमारे पूर्वजों के शरीर की संरचना को लेकर, हमारे शरीर में उपस्थित होते हैं।

Genes की सबसे छोटी इकाई को DNA कहा जाता है। मोटे तौर पर हम यह कह सकते हैं, कि DNA एक प्रकार का Database होता है और उस Database में हमारे शरीर की संरचना तथा हमारे तंत्रिका तंत्र की संरचनाओं की जानकारी होती है।

जो यह निर्धारित करता है, कि हमारा विकास कैसे होगा या हमें कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती है या कौन सी नहीं।

DNA को हम पृथ्वी पर उपस्थित सभी जीवो के शारीरिक संरचना का ब्लूप्रिंट कह सकते हैं।

DNA Ki Full Form Kya Hai ?

आज के समय DNA Ki Full Form सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल है, और जीव विज्ञान में DNA का महत्व सबसे ज्यादा होता है, इसीलिए अब हम आपको बताते हैं, कि DNA Ki Full Form Kya Hoti Hai ?

DNA Ki Full Form – डी-ऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड होती है।

हमारे खून में दो तरह के Cell होते हैं – एक होता है, Red Blood Cell. दूसरा होता है, White Blood Cell.

Red blood Cell में डीएनए की कोई मौजूदगी नहीं होती है, लेकिन White Blood Cell में डीएनए पाया जाता है।

आसान भाषा में कहें, तो हमारे खून में White Blood Cell के जरिए DNA उपस्थित होता है।

DNA Fingerprint की खोज किसने की ?

DNA Fingerprinting का इस्तेमाल या उसकी खोज सबसे पहले Sir Alec Jefferey ने की थी।

आपने DNA फिंगरप्रिंट का बहुत बार नाम सुना होगा। हालांकि, इसका आम जीवन में इस्तेमाल नहीं होता है , लेकिन इसका इस्तेमाल फॉरेंसिक टीम के द्वारा किया जाता है।

जैसे कि किसी मृत शरीर के DNA फिंगरप्रिंटिंग का पता लगाना, किसी जिंदा व्यक्ति के DNA फिंगरप्रिंटिंग के बारे में पता लगाना, उनका टेस्ट करना, इन सब का केवल ही अर्थ होता है और उसे कहते हैं – DNA Fingerprinting.

DNA Fingerprinting समझने में शायद थोड़ा मुश्किल है, लेकिन हम इस प्रकार समझ सकते हैं, कि DNA Fingerprinting को इस्तेमाल करने की प्रक्रिया एक साधारण फिंगर Fingerprinting की तरह होती है, जिसका इस्तेमाल एक डाटा के तौर पर Store करने के लिए किया जा सकता है।

जरूरत पड़ने पर उस फिंगरप्रिंट को डेटाबेस से निकाल कर के किसी दूसरे व्यक्ति के साथ में मैच करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

यदि हम इसे मात्र एक एक वाक्य में समझना चाहे, तो इस प्रकार समझ सकते हैं, कि DNA Fingerprinting को Genetic Fingerprinting कहा जाता है।

DNA और RNA में अंतर क्या है ?

DNA Ki Khoj Kisne Ki के बारे में हमने सब जान लिया, अब हम जानेंगे कि DNA और RNA में अंतर क्या है ?

DNA और RNA में काफी सारे अंतर होते हैं लेकिन हम आपको इन दोनों के कुछ मुख्य अंतर के बारे में बताएंगे :-

  • DNA में डी-ऑक्सीराइबोस शर्करा तथा RNA में राइबोस शर्करा पाई जाती है।
  • RNA न्यूक्लियोबेस्ड यूरेसिल होता है, जबकि DNA में थायमिन होता है।
  • DNA मूल रूप से Double Stranded होता है, यानी कि यह एक छल्ले की तरह दिखता है, और इसमें जो Fringes है, वह अपने आप को एक दूसरे की ओर घुमावदार परिस्थिति में रखे हुए होती है, जबकि RNA में इसी प्रकार का केवल एक छल्ले का भाग होता है।
  • DNA पॉलीमर का बना हुआ होता है और यह डीऑक्सिराइबोस तथा फास्फेट के बैकबोन से बना हुआ होता है, जबकि RNA यूरेसिल सीटोसाईन और Guanine से मिलकर बना होता है।
  • DNA और RNA का मुख्य अंतर यह होता है, कि DNA Genetic Information का ट्रांसमिशन करता है जबकि RNA Genetic Code का ट्रांसमिशन करता है।

निष्कर्ष :-

दोस्तों आज आपने जाना की DNA Ki Khoj Kisne Ki.

मुझे उम्मीद है, की आपको यह आर्टिकल काफी बेहतर लगा होगा, और अगर आपके मन में इस टॉपिक से रिलेटेड कोई  सवाल है,तो हमे कमेंट के माध्यम से पुच सकते है |

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