हमारे जीवन में भाषा का बहुत बड़ा महत्व है, क्योंकि भाषा की मदद से ही हम अपनी बात किसी और को और कोई दूसरा व्यक्ति हमें अपनी बात समझा सकता हैं। और भाषा जितनी महत्वपूर्ण है उतनी ही उसकी लिपि भी।
हर भाषा की अपनी लिपि होती है, जिसकी मदद से हम उस भाषा को कागज़ पर लिख पाते हैं। आज हम समझेंगे, कि लिपि क्या है और लिपि कितने प्रकार की होती है ? ( Lipi In Hindi )
अगर हम किसी भाषा को सीखना चाहते हैं, तो यह हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण और मुश्किल हो सकता है ? ये भी जानने का प्रयास करेंगे।
लिपि क्या है ? – इसे समझने से पहले हमें यह समझना होगा, कि भाषा क्या है ?
Bhasha Kise Kahate Hain :- भाषा वह माध्यम है, जिससे हम अपने मन की भावनाओं को शब्दों का रूप देकर किसी के सामने प्रस्तुत करते हैं।
यानि मान लीजिए अगर आप किसी से प्यार करते हैं, तो आप उन्हें लिखकर या बोलकर बताते हैं, कि आप उनसे कितना प्यार करते हैं। तो आपके और उस व्यक्ति के बीच जो संवाद ( बातचीत ) होता है, वो भाषा की वजह से होता है।
अगर भाषा ना हो, तो हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करना मुश्किल हो जाएगा और व्यक्त करना तो दूर, भावनाओं के बारे में सोचना भी मुश्किल हो जाएगा, क्योंकि हम सोचते भी हैं, तो किसी न किसी भाषा में ही सोचते हैं।
अब समझते हैं लिपि क्या है।
लिपि क्या है ? Lipi Kise Kahate Hain
लिपि भाषा को कागज़ पर या किसी भी लिख पाने योग्य वस्तु पर लिखने का माध्यम है। भाषा की ध्वनियों को, जिन चिन्हों की मदद से हम कागज़ लिखते हैं, उसे लिपि कहा जाता है।
लिपि का भी उतना ही महत्व है, जितना किसी भाषा का। क्योंकि लिपि के बिना हमारे पास इतनी किताबें नहीं होती और ज्ञान को सहेजकर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुँचाने का काम नहीं हो पाता।
लिपि की मदद से ही ज्ञान, एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाता है।
अगर आप किसी भाषा को सीखना चाहते हैं, तो सबसे पहले उस भाषा की लिपि सीखनी होगी, तभी आप उस भाषा को बोलना, पढ़ना और लिखना सीख पाएंगे।
लिपि कितने प्रकार की होती है ? Lipi Ke Prakar
ऊपर आपने जाना Lipi Kise Kahate Hain, अब हम Lipi Ke Prakar के बारे में जानते है। दुनिया भर में जितनी भी लिपियाँ हैं, उन्हें 3 भागों में बाँटा गया है, जो कि निम्नलिखित हैं:-
- चित्र लिपि
- अल्फाबेटिक लिपि
- अल्फासिलेबिक लिपि
- ब्रेल लिपि
- 1.चित्र लिपि किसे कहते हैं ? Chitra Lipi Kise Kahate Hain
चित्र लिपि – वह लिपि होती है, जिसमें भाषा को चित्रों के माध्यम से दर्शाया जाता है। इसमें उतने शब्द और मात्राएं नहीं होती।
चीनी और कोरियाई भाषा की लिपियों को चित्र लिपि के प्रकार में रखा गया है। इस लिपि को सीखना बाकि लिपियों की तुलना में काफी आसान होता है।
- 2. अल्फाबेटिक लिपि किसे कहते हैं ?
हम जो अंग्रेजी ( English ) पढ़ते हैं, उसमें 26 लेटर्स होते हैं। इसमें स्वर की मात्रा के लिए अलग से चिन्ह नहीं होता है। इन्हीं 26 लेटर्स के इस्तेमाल से शब्दों का निर्माण होता है।
इसमें व्यंजन के बाद स्वर को उसके पुरे स्वरूप में लिखा जाता है। अंग्रेजी, यूनानी, फ़्रेंच, जर्मन, अरबी, रुसी भाषा अल्फाबेटिक लिपि के अंदर आती हैं।
इस लिपि को सीखना चित्र लिपि के मुकाबले काफी कठिन माना जाता है, क्योंकि इसके शब्दों के निर्माण से लेकर वाक्यों के निर्माण तक व्याकरण के नियमों का पालन करना होता है।
- 3. अल्फासिलेबिक लिपि किसे कहते हैं ?
भारत की अधिकतर भाषाएँ इसी लिपि में लिखी जाती हैं। इसमें स्वर अपने मूल स्वरूप में तभी चिह्नित किया जाता है, जब उसके आगे कोई व्यंजन न हो।
अगर उसके आगे कोई व्यंजन होता है, तब स्वर की मात्रा का चिन्ह लगाया जाता है। इस प्रकार इस लिपि में स्वर को 2 तरह से चिह्नित किया जाता है, जैसे ” इ ” स्वर को “ि ” और ” इ ” दोनों तरह से चिह्नित किया जाता है।
अगर स्वर शब्द का पहला अक्षर है, तो उसे ” इ ” के रूप में चिह्नित किया जाएगा, वहीं अगर स्वर किसी व्यंजन के साथ आ रहा है, तो उसे मात्रा के रूप “ि” से चिह्नित किया जाएगा।
अल्फासिलेबिक लिपि में देवनागरी ( हिंदी, संस्कृत, नेपाली, मराठी इत्यादि भाषा ), ब्राह्मी लिपि ( पुरानी संस्कृत, पाली ) गुजरती लिपि, बंगाली, तमिल और गुरुमुखी ( पंजाबी ) लिपियाँ आती हैं।
इस लिपि को सीखना सबसे कठिन होता है, क्योंकि इसमें स्वर को 2 तरह से याद रखना होता है, जिसे व्याकरण के नियमों के हिसाब से प्रयोग में लाया जाता है।
- 4. ब्रेल लिपि किसे कहते हैं ? Braille Lipi Kya Hai
ब्रेल लिपि दरअसल उन व्यक्तियों के लिए होती है, जो देख नहीं सकते। इस लिपि में ध्वनियों को चिह्नित करने के लिए उभरे हुए Dots ( . ) का प्रयोग किया जाता है।
उन Dots ( . ) को हर एक अक्षर के हिसाब से एक खास पैटर्न में उकेरा जाता है, जिसपर हाथ फेरकर पाठक अक्षरों और शब्दों को पढ़ पाता है।
इस लिपि को फ्रांस के एक शिक्षाविद तथा अन्वेषक लुई ब्रेल ने विकसित किया था। इन्हीं के नाम पर इस लिपि का नाम ब्रेल लिपि पड़ा।
एक दुर्घटना में लुई ब्रेल की दोनों आँखें चली गयी और उसके बाद ही उन्होंने इस लिपि को विकसित किया, ताकि दुनियाभर के लाखों नेत्रहीन लोग भी पढ़ लिख पाए।
इन्होंने शुरुआत में सिर्फ शब्दों को पढ़ने के लिए इस लिपि का विकास किया था। हर एक अक्षर को चिह्नित करने के लिए 6 Dots ( . ) का इस्तेमाल किया जिसमें कुछ उभरे होते हैं, तो कुछ या तो प्लेन या फिर अंदर की तरह धंसे होते हैं।
बाद में इस लिपि में कुछ बदलाव किये गए, जिसमें शब्दों के साथ-साथ गणित के चिन्हों को भी जोड़ा गया। अब तो संगीत के नोट्स भी ब्रेल लिपि में लिखी जा सकती है।
भारत की 22 भाषाएं और उनकी लिपि
ऊपर आपने जाना Lipi Kise Kahate Hain, अब हम भारत की 22 भाषाएं और उनकी लिपि के बारे में जानते है।
भारत की 22 आधिकारिक भाषाएं और उनकी लिपि निम्नलिखित हैं:-
भाषा | लिपि |
हिंदी | देवनागरी |
सिंधी | देवनागरी/फ़ारसी |
पंजाबी | गुरुमुखी |
कश्मीरी | फ़ारसी |
गुजराती | गुजराती |
मराठी | देवनागरी |
उड़िया | उड़िया |
बांग्ला | बांग्ला |
असमिया | असमिया |
उर्दू | फ़ारसी |
तमिल | ब्राह्मी |
तेलुगू | ब्राह्मी |
मलयालम | ब्राह्मी |
कन्नड़ | कन्नड़/ब्राह्मी |
कोकड़ी | देवनागरी |
संस्कृत | देवनागरी |
नेपाली | देवनागरी |
संथाली | देवनागरी |
डोंगरी | देवनागरी |
मणि पुरी | मणि पुरी |
वोडों | देवनागरी |
मैथिली | देवनागरी/मैथिली |
Conclusion :
दोस्तों, हम आशा करते हैं, कि अब तक आप, लिपि क्या है और लिपि कितने प्रकार की होती है OR Lipi Kise Kahate Hain, समझ गए होंगे और साथ में भाषा के महत्व को भी जान भी गए होंगे।