आज के इस लेख में हम आपको ” अंधभक्त ” शब्द के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं, की अंधभक्त किसे कहते है ? तो कृपया आज के इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।
आपने कई बार हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रचलित शब्द अंधभक्त के बारे में अवश्य सुना होगा। इस समय यह अंधभक्त शब्द काफी प्रचलन में है और काफी लोग इस शब्द को लेकर परेशान है, कि यह अंधभक्त आखिर है क्या ? तो चलिए इस लेख के माध्यम से हम समझते हैं, कि Andh Bhakt kise kahate hain ?
अंधभक्त किसे कहते हैं ? ( Andh Bhakt Kise Kahate Hain )
अंधभक्त का साधारण सा मतलब ये है, कि वे लोग जो किसी के ऊपर आंख बंद कर के भरोसा कर लेते हैं और उनकी आज्ञा का ही पालन करते हैं, ऐसे लोगो को अंधभक्त कहते हैं।
आजकल अंध भक्तों का इस्तेमाल भक्ति के लिए नहीं बल्कि राजनीति के लिए अधिक किया जा रहा है। हमारे शास्त्रों में अंध भक्तों की कोई भी परिभाषा नहीं है। हमारे शास्त्रों में केवल भक्तों को ही एक सही दर्जा दिया गया है।
अंध भक्तों का अर्थ है ऐसा भक्त जो किसी भी व्यक्ति के द्वारा कही गई बातों को बिना सोचे समझे तुरंत स्वीकार कर ले। अंध भक्त वह होते हैं जो किसी के द्वारा भी कही गई बातों की सही या गलत पहलू को नहीं देखते हैं।
अगर कोई व्यक्ति सही काम कर रहा हो या गलत काम कर रहा हो अंधभक्त उसे तुरंत मान लेते हैं और हमेशा उसी व्यक्ति के आज्ञा का पालन करते हैं भले ही वह उसके लिए गलत ही क्यों ना हो।
हिंदू धर्म के अनुसार अंधभक्त किसे कहते हैं ? ( Andh Bhakt According to Hindu religion )
जिस प्रकार हम भगवान की भक्ति करते हैं उसी प्रकार आजकल एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की पूजा कर रहा है। हमारे हिंदू धर्म की दृष्टि से यदि कोई भी व्यक्ति भगवान की पूजा एवं सेवा करता है और भगवान पर आंख बंद करके विश्वास करता है, तो इसे भगवान का भक्त कहते हैं।
लेकिन यदि वही व्यक्ति किसी दूसरे इंसान पर आंख बंद करके विश्वास करता है, तो उसे अंधभक्त कहा जाता है।
हिंदू धर्म के अनुसार उन्हें भी अंधभक्त कहां गया है, जो किसी तरीके के जादू टोने, भूत प्रेत या किसी प्रकार के टोटके पर विश्वास करते हैं। हिंदू धर्म में केवल भगवान पर पूर्ण रुप से विश्वास करने के लिए कहा गया है।
यथार्थ गीता में अंध भक्तों की परिभाषा दी हुई है इसमें लिखा है कि ” ऐसे व्यक्ति जो सत्य को तलाशना नहीं चाहते और वह व्यक्ति जो कुछ भी जानता है, केवल उसे ही सत्य मानता है। ”
आजकल अंधभक्त शब्द चर्चा में क्यों हैं ? ( Why is Andh Bhakt word so popular ? )
हमें हर सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम इत्यादि पर अंध भक्त शब्द सुनने के लिए मिल रहा है।
यह शब्द उन लोगों के लिए प्रयोग किया जा रहा है, जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर पूर्ण रुप से विश्वास करते हैं। जो भी व्यक्ति बीजेपी के नेताओं पर विश्वास कर रहा है, उन्हें अंधभक्त का नाम दिया जा रहा है।
इसलिए हम यह कह सकते हैं, कि अंधभक्त शब्द राजनीति के कारण इतना चर्चा में है। यह अंधभक्त शब्द उन व्यक्तियों के लिए भी प्रयोग किया जा रहा है, जो हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आदर्शों को मानते हैं और मोदी जी के हर निर्णय पर आंख बंद करके भरोसा कर रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी के विपक्षियों के द्वारा अंध भक्तों का शब्द उन लोगों के लिए प्रयोग में लाया जा रहा है, जो भी भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास करते हैं और उनकी बातों को मानते हैं।
यह शब्द खासकर विपक्षियों द्वारा मोदी के आदर्शों को मानने वाले व्यक्तियों के लिए किया जा रहा है।
अंधभक्त कितने प्रकार के होते हैं ? ( Types of Andh Bhakt )
यदि हम बात करें अंधभक्त के प्रकार की तो अंधभक्त बहुत तरीके के होते हैं। अंध भक्तों के प्रकार किसी भी किताब या किसी भी शास्त्रों में नहीं दिया गया लेकिन हम आपको अंधभक्त के प्रकार के बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
- किसी व्यक्ति विशेष के अंधभक्त
- किसी जाति विशेष को मानने वाले अंधभक्त
- किसी एक इतिहास या संप्रदाय को मानने वाले अंधभक्त
- किसी धर्म विशेष को मानने वाले अंधभक्त
- किसी देश विशेष के नाम पर लड़ने वाले अंधभक्त
- किसी समूह विशेष को मानने वाले अंधभक्त
भक्त और अंधभक्त में अंतर ( Difference between Bhakt and Andh Bhakt )
ऐसे तो किसी भी पुराणों या शास्त्रों में भक्त और अंधभक्त में अंतर नहीं बताया गया है और ना ही कहीं इसका उल्लेख किया गया है, लेकिन हम आपको भक्त और अंधभक्त में अंतर बताने का प्रयास करेंगे।
- भक्त वह होता है, जो अपनी इच्छा अनुसार किसी व्यक्ति के आदर्शों पर चलता है और यदि उसे लगता है, कि यह व्यक्ति गलत है, तो वह उस व्यक्ति के आदर्शों पर चलना छोड़ देता है। इसके विपरीत अंधभक्त वह होता है, जो किसी व्यक्ति के आदर्शों पर तो चलता है, लेकिन यदि वह व्यक्ति गलत काम कर रहा है, तो भी उस काम में अंधभक्त उस व्यक्ति का साथ देता है।
- भक्त वह होता है जो किसी भी चीज का सही और गलत दोनों पहलुओं को देखता है और उस चीज पर अपनी धारणा बनाता है। इसके विपरीत अंधभक्त वह है जो किसी भी चीज के सही और गलत पहलुओं को नहीं देखता और केवल उसी चीज पर कार्य करता जाता है।
- भक्त केवल भगवान की ही भक्ति करते हैं और भगवान पर ही विश्वास करते हैं इसके विपरीत अंधभक्त अलग-अलग प्रकार के जादू-टोना या महात्मा-तांत्रिक इन चीजों पर भी विश्वास करते हैं।
- भक्त ऐसे काम करते हैं जो पूरे देश या समाज को लाभ पहुँचाता है। लेकिन अंधभक्त किसी भी व्यक्ति के बातों में आकर ऐसे काम करते हैं जो देश या समाज के लिए बिल्कुल लाभकारी नहीं होता।
- भक्त केवल एक व्यक्ति के मतों पर ही नहीं बल्कि अन्य व्यक्तियों के मतों पर भी विचार करते हैं और सही निष्कर्ष पर पहुंचते हैं। इसके विपरीत अंधभक्त केवल एक ही व्यक्ति के बातों को सुनकर किसी भी निष्कर्ष पर पहुंच जाता है।
निष्कर्ष ( Conclusion ) :
दोस्तों, आज के इस लेख में हमने आपको बताया कि Andh Bhakt Kise Kahate Hain ?
उम्मीद है, कि आपको हमारा ये लेख पसंद आया होगा।